Monday, September 22, 2025
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‘पायलट को जिम्मेदार ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण’, अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, केंद्र, DGCA को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

Supreme Court on Ahmedabad Plane Crash: सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया विमान हादसे की AAIB प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल पायलट को जिम्मेदार ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना है. कोर्ट ने केंद्र सरकार और DGCA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

Supreme Court on Ahmedabad Plane Crash: सुप्रीम कोर्ट ने 12 जून को एयर इंडिया विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्वतंत्र, निष्पक्ष और त्वरित जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा कि वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलट की गलती की ओर इशारा करने वाले कुछ पहलू गैर-जिम्मेदाराना हैं. न्यायालय ने इस मामले में केंद्र और नागर विमानन महानिदेशक को नोटिस जारी किया. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 12 जुलाई को जारी AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट के कुछ पहलुओं पर गौर किया,

फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की जानकारी साझा करने का किया अनुरोध

गैर-सरकारी संगठन ‘सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन’ की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि दुर्घटना के बाद गठित जांच समिति में 3 सदस्य विमानन नियामक से थे और इसमें हितों के टकराव की आशंका हो सकती है. उन्होंने विमान के ‘फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ की जानकारी जारी करने का अनुरोध किया ताकि दुर्घटना के कारणों का पता चल सके.

दुर्घटना की अंतिम रिपोर्ट पर ही ध्यान दिया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई करने वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में गोपनीयता, निजता और गरिमा से जुड़े पहलू हैं. उसने कहा कि दुर्घटना की अंतिम रिपोर्ट पर ही ध्यान दिया जाना चाहिए. पीठ ने आगाह किया कि कुछ विशेष प्रकार की जानकारी जारी करने का गलत फायदा प्रतिस्पर्धी विमानन कंपनियां उठा सकती हैं. साथ ही कहा कि वे केवल दुर्घटना की स्वतंत्र, निष्पक्ष और त्वरित जांच के सीमित पहलू पर नोटिस जारी कर रहे हैं.

NGO की ओर से दायर याचिका में कही गई ये बात

कैप्टन अमित सिंह (FRAES) के नेतृत्व वाले विमानन सुरक्षा NGO ‘‘कॉन्स्टिट्यूशन बाय सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन’’ द्वारा यह याचिका दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आधिकारिक जांच नागरिकों के जीवन, समानता और असल जानकारी तक पहुंच के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है. याचिका में कहा गया है कि AAIB ने 12 जुलाई को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में हादसे का कारण ‘फ्यूल कटऑफ स्विच’ को ‘रन’ से “कटऑफ” स्थिति में बदलना बताया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह पायलट की गलती थी.

रिपोर्ट में महत्वपूर्ण जानकारियां छिपाने का आरोप

इसमें आरोप लगाया गया है कि रिपोर्ट में महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाया गया है, जिसमें पूर्ण ‘डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ (DFDR) आउटपुट, ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) ट्रांसक्रिप्ट’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक एयरक्राफ्ट फॉल्ट रिकॉर्डिंग’ (EAFR) डेटा शामिल हैं. याचिका के अनुसार, इन जानकारियों के बिना दुर्घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष समझ संभव नहीं है.

हादसे में प्लेन में सवार 241 लोगों की हो गई थी मौत

गौरतलब है कि लंदन जाने वाला बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी. दुर्घटना में मारे गए 241 लोगों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई और चालक दल के 12 सदस्य शामिल थे. इस हादसे में चमत्कारिक रूप से जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति विश्वासकुमार रमेश थे, जो एक ब्रिटिश नागरिक हैं.

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Premanshu Chaturvedi
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खबरों की दुनिया में हर लफ्ज़ को जिम्मेदारी और जुनून के साथ बुनने वाला। मेरा मानना है कि एक अच्छी खबर केवल सूचना नहीं देती, बल्कि समाज को सोचने, सवाल करने और बदलने की ताकत भी देती है। राजनीति से लेकर मानवता की कहानियों तक, हर विषय पर गहराई से शोध कर निष्पक्ष और सटीक रिपोर्टिंग करना ही मेरी पहचान है। लेखनी के जरिए सच्चाई को आवाज़ देना मेरा मिशन है।
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