Green Crackers in Delhi-NCR: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और NCR को दिवाली पर बड़ा तोहफा दिया है. अदालत ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दे दी है. इसी के साथ शीर्ष अदालत ने कहा कि पुलिस अधिकारी गश्ती दल गठित करेंगे, जो ये सुनिश्चित करेगा कि केवल क्यूआर कोड वाले अनुमत ग्रीन पटाखें ही बेचे जाएं. और नियमों के उल्लंघन पर निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. वहीं ई कॉमर्स वेबसाइटों पर पटाखों की बिक्री नहीं की जाएगी.
ग्रीन पटाखों से प्रदूषण हुआ कम
CJI ने कहा कि हमने सॉलिसिटर जनरल और एमिकस क्यूरी के सुझावों पर विचार किया है. हमने पाया है कि उद्योग जगत की भी चिंताएं हैं. पारंपरिक पटाखों की तस्करी की जाती है, जिससे ज़्यादा नुकसान होता है. हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा. हरियाणा के 22 ज़िलों में से 14 ज़िले NCR में आते हैं. जब प्रतिबंध लगाया गया था, तबसे कोविड काल को छोड़कर वायु गुणवत्ता में ज़्यादा अंतर नहीं आया था. ग्रीन पटाखों के आने के बाद पिछले 6 वर्षों में ग्रीन पटाखों से प्रदूषण में काफ़ी कमी आई है. इसमें NERE का भी योगदान रहा है.
दिवाली पर पटाखे जलाने का समय
शीर्ष अदालत के आदेश के मुताबिक, दिवाली वाले दिन पटाखे सुबह 6 बजे से 8 बजे तक और फिर रात 8 बजे से 10 बजे तक जलाए जा सकेंगे. वहीं 15 से 25 अक्टूबर के बीच केवल निर्धारित स्थानों पर ही हरित पटाखों की बिक्री की जा सकेगी.
शीर्ष अदालत ने फैसले में क्या क्या कहा ?
गश्ती दल नियमित रूप से पटाखा निर्माताओं की जांच करेंगे और उनके क्यूआर कोड आधिकारिक साइटों पर अपलोड करने होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने CPCB और NCR के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु गुणवत्ता की निगरानी करेंगे और दिवाली के बाद प्रदूषण के स्तर पर रिपोर्ट सौपेंगे
दिल्ली-NCR के बाहर से लाए गए पटाखे शहर में नहीं बेचा जा सकता और इसके उल्लंघन पर विक्रेताओं का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा.
पटाखे केवल निर्धारित स्थानों पर ही फोड़े जा सकेंगे.