Wednesday, August 13, 2025
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Supreme Court On Bihar SIR: बिहार में SIR को सुप्रीम कोर्ट ने बताया वोटर फ्रेंडली, कहा-’11 में से कोई 1 दस्तावेज मांगा’

Supreme Court On Bihar SIR: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को मतदाता अनुकूल बताते हुए कहा कि मतदाता पहचान के लिए 11 दस्तावेजों में से कोई एक देना पर्याप्त है, जबकि पहले केवल 7 दस्तावेज स्वीकार्य थे। अदालत ने माना कि आधार को शामिल न करना अपवाद हो सकता है, लेकिन अधिक विकल्प देना समावेशी कदम है।

Supreme Court On Bihar SIR: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि बिहार में पहले किए गए मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण में दस्तावेजों की संख्या 7 थी और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में यह 11 है, जो दर्शाता है कि SIR मतदाता अनुकूल है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) आयोजित करने के निर्वाचन आयोग के 24 जून के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू की और कहा कि याचिकाकर्ताओं की इस दलील के बावजूद कि आधार को स्वीकार न करना अपवादात्मक था, ऐसा प्रतीत होता है कि दस्तावेजों की बड़ी संख्या वास्तव में समावेशी थी.

SIR मतदाता के अनुकूल : सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने कहा, ‘राज्य में पहले किए गए संक्षिप्त पुनरीक्षण में दस्तावेजों की संख्या 7 थी और SIR में यह 11 है, जो दर्शाता है कि यह मतदाता अनुकूल है. हम आपकी दलीलों को समझते हैं कि आधार को स्वीकार न करना अपवादात्मक है, लेकिन दस्तावेजों की अधिक संख्या वास्तव में समावेशी स्वरूप की है.’ शीर्ष अदालत ने कहा कि मतदाताओं को सूची में शामिल 11 दस्तावेजों में से कोई एक जमा करना आवश्यक था.

दस्तावेजों की संख्या अधिक लेकिन कवरेज कम: अभिषेक मनु सिंघवी

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने असहमति जताई और कहा कि दस्तावेजों की संख्या भले ही अधिक हो, लेकिन उनका कवरेज कम है. मतदाताओं के पास पासपोर्ट की उपलब्धता का उदाहरण देते हुए, सिंघवी ने कहा कि बिहार में पासपोर्ट धारकों की संख्या 1 से 2 प्रतिशत हैं और राज्य में स्थायी निवासी प्रमाण पत्र देने का कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अगर हम बिहार की आबादी के पास दस्तावेजों की उपलब्धता देखें, तो पता चलता है कि कवरेज बहुत कम है.’

राज्य में 36 लाख पासपोर्ट धारक : कोर्ट

पीठ ने कहा कि राज्य में 36 लाख पासपोर्ट धारकों की संख्या अच्छी प्रतीत होती है. न्यायमूर्ति बागची ने कहा, अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों से फीडबैक लेने के बाद आमतौर पर दस्तावेजों की सूची तैयार की जाती है.’

SC ने चुनाव आयोग के रुख का किया था समर्थन

गत 12 अगस्त को, शीर्ष अदालत ने कहा कि मतदाता सूची में नागरिकों या गैर-नागरिकों को शामिल करना या बाहर करना निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है और बिहार में मतदाता सूची की SIR में आधार और मतदाता पहचान पत्र को नागरिकता के निर्णायक प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं करने के आयोग के रुख का न्यायालय ने समर्थन किया.

विवाद काफी हद तक विश्वास की कमी का मुद्दा : सुप्रीम कोर्ट

संसद के अंदर और बाहर SIR के मुद्दे पर प्रदर्शन के बीच, शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि यह विवाद काफी हद तक विश्वास की कमी का मुद्दा है, क्योंकि चुनाव आयोग ने दावा किया है कि बिहार में कुल 7.9 करोड़ मतदाता आबादी में से लगभग 6.5 करोड़ लोगों को अपने या माता-पिता के लिए कोई दस्तावेज दाखिल करने की आवश्यकता नहीं थी जिनके नाम 2003 की मतदाता सूची में थे.

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Premanshu Chaturvedi
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