Thursday, October 3, 2024
HomeNational NewsPatanjali Advertising Case : सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को...

Patanjali Advertising Case : सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को लगाई कड़ी फटकार,ठुकराया माफी नामा,कहा-‘हम अंधे नहीं हैं’,पढ़ें कोर्ट ने क्या कहा ?

नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण द्वारा बिना शर्त माफी मांगने के लिए दायर किए गए हलफनामों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

माफीनामा स्वीकार करने से किया इनकार

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा,”हम इस मामले में इतने उदार नहीं बनना चाहते.”कोर्ट ने यह भी कहा कि हम अंधे नहीं हैं.हम माफीनामा स्वीकार करने से इनकार करते हैं.वहीं, यह भी कहा कि वह केंद्र के जवाब से संतुष्ट नहीं है.

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने कहा, ‘माफी केवल कागज पर है. हम इसे स्वीकार करने से इनकार करते हैं, हम इसे जानबूझकर आदेश का उल्लंघन मानते हैं.’

आप लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं :sc

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड, संयुक्त सचिव लाइसेंस प्राधिकार को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि आप लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. नवंबर से आदेश हो रहे हैं, फिर भी आपको ध्यान नहीं दिया गया. उत्तराखंड के विधि विभाग को भी तलब करेंगे. सभी हीलाहवाली कर रहे हैं. हम निगरानी कर रहे हैं, फिर भी ये हाल है. लोगों का क्या होगा? आप लोगों की सभी दलीलें बेकार हैं. 

उत्तराखंड सरकार को लगाई फटकार

शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के प्रति भी कड़ी नाराजगी जताई.हम यह जानकर चकित हैं कि फाइलों को आगे बढ़ाने के अलावा राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने कुछ नहीं किया और वह 4-5 साल से इस मुद्दे को लेकर ‘‘गहरी नींद’’ में था.न्यायालय ने प्राधिकरण की ओर से उपस्थित राज्य के अधिकारी से इस निष्क्रियता का कारण पूछा.

उच्चतम न्यायालय में दाखिल दो अलग-अलग हलफनामों में रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत के पिछले साल 21 नवंबर के आदेश में दर्ज ‘‘बयान के उल्लंघन’’ के लिए बिना शर्त माफी मांगी है.

रामदेव की ओर पेश वकील से क्या कहा ?

पीठ ने रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा, ‘‘हम इसे स्वीकार करने या माफ करने से इनकार करते हैं.हम इसे आदेश का जानबूझकर किया गया उल्लंघन और वचनबद्धता का उल्लंघन मानते हैं…”

पहले भी अदालत ने लगाई थी फटकार

शीर्ष अदालत ने 21 नवंबर, 2023 के आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने उसे आश्वासन दिया था कि ”अब से खासकर पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित और विपणन किए गए उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग के संबंध में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा.पतंजलि ने यह भी कहा था कि असर के संबंध में या चिकित्सा की किसी भी पद्धति के खिलाफ कोई भी बयान किसी भी रूप में मीडिया में जारी नहीं किया जाएगा.”शीर्ष अदालत ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ”इस तरह के आश्वासन का पालन करने के लिए बाध्य है.”

आश्वासन का पालन नहीं करने और उसके बाद मीडिया में बयान जारी किए जाने पर शीर्ष अदालत ने अप्रसन्नता व्यक्त की थी.न्यायालय ने बाद में पतंजलि को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि क्यों न उसके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की जाए.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments