सूरत, गुजरात के सूरत शहर में गणपति उत्सव के दौरान कुछ लोगों ने कथित रूप से एक पंडाल में पथराव किया जिससे भगवान गणेश की मूर्ति खंडित हो गई. पुलिस ने रविवार देर रात सैयदपुरा में घटी इस घटना के सिलसिले में कुछ नाबालिगों को हिरासत में लिया. इसके बाद करीब 300 लोगों ने लालगेट थाने का घेराव किया और अपने समुदाय के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया.
अब तक 32 लोगों को लिया जा चुका हिरासत में
अधिकारियों ने बताया कि इन घटनाओं के सिलसिले में अब तक 32 लोगों को हिरासत में लिया गया है और दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.
गुजरात के गृहमंत्री ने कही ये बात
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा किया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया. सांघवी ने संवाददाताओं से कहा, ”शहर के अमन-चैन में खलल डालने वाले हर व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाएगा और किसी को छोड़ा नहीं जाएगा.”
पुलिस ने बताया कैसे भड़की हिंसा ?
पुलिस के मुताबिक, एक ऑटोरिक्शा में सवार कुछ उपद्रवियों ने गणेश पंडाल में पत्थर फेंके जिससे मूर्ति खंडित हो गई. पुलिस ने इस सिलसिले में कुछ नाबालिगों को हिरासत में लिया है और उन्हें लालगेट थाने लाया गया है. गहलोत ने कहा कि जब भीड़ ने अपने समुदाय के लोगों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में थाने का घेराव किया तो 2 समूहों ने एक दूसरे पर पथराव करना शुरू कर दिया जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए.पुलिस की एक गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई. हालात बेकाबू होता देख पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े.उन्होंने कहा, ”हमारे पास सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग हैं जिनका इस्तेमाल आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए किया जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दिलाई जाएगी.”
पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया मामला
जिन लोगों ने कथित तौर पर मूर्ति पर पत्थर फेंके थे, उन पर भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना, किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना, और किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना शामिल है.पुलिस ने कहा कि हिंसा में शामिल भीड़ के सदस्यों पर दंगा फैलाने, गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने आदि के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.