Stock Market Today : मुंबई। बैंक, वाहन तथा पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में मुनाफावसूली से स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 386 अंक के नुकसान में रहा, जबकि एनएसई निफ्टी 112 अंक टूटा। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी और अमेरिकी एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि से भी निवेशकों की धारणा पर असर पड़ना जारी है।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 386.47 अंक यानी 0.47 प्रतिशत टूटकर 81,715.63 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 494.26 अंक तक लुढ़क गया था।
इन कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट
पचास शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी 112.60 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,056.90 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा मोटर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एनटीपीसी और एचसीएल टेक शामिल हैं। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,551.19 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, जीएसटी सुधारों के बाद घरेलू बाजारों में मुनाफावसूली देखी गई है। निवेशक मूल्यांकन और दूसरी तिमाही की आय अपेक्षाओं को पुनः निर्धारित कर रहे हैं। एच-1बी शुल्क वृद्धि के कारण आईटी शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा, जबकि जारी व्यापार वार्ताओं के बीच अमेरिकी व्यापार संबंधी बयान और कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। नायर ने कहा कि देश में अपेक्षाकृत उच्च मूल्यांकन और आय वृद्धि में नरमी के कारण एफआईआई निवेश कम कर रहे हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने सतर्कता का माहौल और बढ़ा दिया
लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, बुधवार को घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। कमजोर वैश्विक संकेतों, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी और अमेरिकी वीजा नीति में बदलाव को लेकर नई चिंताओं ने धारणा पर दबाव डाला। रुपये में कमजोर रुख और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने सतर्कता का माहौल और बढ़ा दिया।
मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.85 प्रतिशत नीचे आया जबकि छोटी कंपनियों से संबंधित स्मॉलकैप में 0.50 प्रतिशत की गिरावट आई। पिछले चार दिन में बीएसई सेंसेक्स 1,298.33 अंक यानी 1.56 प्रतिशत टूट चुका है जबकि एनएसई निफ्टी में 366.7 यानी 1.44 प्रतिशत की गिरावट आई है। एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक दायरे में बंद हुए। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को नकारात्मक दायरे में बंद हुए थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.44 प्रतिशत बढ़कर 67.93 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। सेंसेक्स मंगलवार को 57.87 अंक टूटा था जबकि निफ्टी में 32.85 अंक की गिरावट रही थी।