छत्तीसगढ़ और मिजोरम में मंगलवार को विधानसभा चुनाव के तहत मतदान हुआ। इसमें मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उत्साह के साथ उपयोग किया। छत्तीसगढ़ में जहां पहले चरण के चुनाव में 20 सीटों पर मतदान खत्म हुआ तो मिजोरम की 40 सीटों पर मतदाताओं ने उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम मशीन में कैद कर दिया। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में शाम पांच बजे तक करीब 70.87% वोटिंग हुई। इसी तरह से मिजोरम में चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक शाम पांच बजे तक 69.87% लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मिजोरम की सभी 40 सीटों पर खड़े 174 उम्मीदवारों का भाग्य मतदाताओं ने तय कर दिया। राज्य में आठ लाख से अधिक मतदाता ने अपने अधिकार का प्रयोग किया।
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मिजो नेशनल फ्रंट के (एमएनएफ) अध्यक्ष और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी सत्ता विरोधी लहर को मात देकर फिर राज्य में सरकार बनाने में सक्षम होगी। सत्तारूढ़ एमएनएफ, कांग्रेस और जोराम पीपल्स मूवमेंट ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा। एमएनएफ केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा है, लेकिन मिजोरम में यह पार्टी किसी गठबंधन में नहीं है। सीएम जोरामथांगा ने एमएनएप के पूर्ण बहुमत पाने में पीछे रह जाने पर भगवा पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर किए गए सवाल पर कहा, ‘मिजोरम में त्रिशंकु विधानसभा नहीं होगी। यह एमएनएफ सरकार होगी और मुझे इस पर पूरा भरोसा है। यहां भाजपा गठबंधन में नहीं है। एनडीए केंद्र में हैं, लेकिन मिजोरम में भाजपा या किसी अन्य पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है।
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इधर, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शाम पांच बजे तक सबसे अधिक मतदान खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले में हुआ, यहां 76.31% लोगों ने मतदान किया। सबसे कम मतदान प्रतिशत बीजापुर जिले का रहा। यहां 40.98% मतदाताओं ने मतदान किया। अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण की 20 सीटों में से 12 अनुसूचित जनजाति के लिए और एक अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। सबसे अधिक उम्मीदवार राजनांदगांव निर्वाचन क्षेत्र (29) में हैं, जबकि सबसे कम उम्मीदवारों की संख्या चित्रकोट और दंतेवाड़ा सीटों पर सात-सात है।
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पहले चरण में कांग्रेस से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज (चित्रकोट सीट), मंत्री कवासी लखमा (कोंटा), मोहन मरकाम (कोंडागांव), मोहम्मद अकबर (कवर्धा) और दिवंगत कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा (दंतेवाड़ा) प्रमुख उम्मीदवारों में से हैं। वहीं भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (राजनांदगांव), राज्य के चार पूर्व मंत्री केदार कश्यप (नारायणपुर), लता उसेंडी (कोंडागांव), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़) और महेश गागड़ा (बीजापुर) तथा पूर्व आईएएस अधिकारी नीलकंठ टेकाम (केशकाल) प्रमुख उम्मीदवार हैं।
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कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ ओबीसी नेता और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन को राजनांदगांव से रमन सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है। राज्य में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी को भानुप्रतापपुर सीट से मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस विधायक अनूप नाग, जिन्हें पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था, अपनी मौजूदा अंतागढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।