Monday, April 21, 2025
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SpaDeX Mission: ISRO ने दूसरी बार डॉकिंग में हासिल की सफलता, 2 सैटेलाइट को फिर जोड़ा, ऐसा करने वाला भारत चौथा देश

SpaDeX Mission: ISRO ने स्पेडेक्स मिशन के तहत दूसरी बार 2 उपग्रहों की सफल डॉकिंग करने में सफलता हासिल की है. इसी के साथ भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है। उपग्रहों की यह डॉकिंग अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण और भविष्य के मिशनों, जैसे चंद्रयान-4, के लिए अहम मानी जा रही है।

SpaDeX Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पेडेक्स) मिशन के तहत दूसरी बार 2 उपग्रहों की ‘डॉकिंग’ सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी. इसरो ने पिछले साल 30 दिसंबर को ‘स्पेडेक्स’ मिशन शुरू किया था और अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ संबंधी प्रयोग के लिए 2 उपग्रह-SDX01 और SDX02 को कक्षा में स्थापित किया था.

डॉकिंग तकनीक की क्या है आवश्यकता ?

अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ तकनीक तब आवश्यक होती है, जब सामान्य मिशन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कई रॉकेट या अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित करने की जरूरत होती है. यह तकनीक दो या उससे अधिक अंतरिक्ष यान को एक साथ जोड़कर या कक्षा में साथ लाकर एक बड़ी संरचना बनाने तथा सामान की आपूर्ति करने के लिए इस्तेमाल की जाती है. इससे भारत को अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और चंद्रयान-4 अभियान का संचालन करने में मदद मिलेगी.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मिशन को लेकर कही ये बात

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘इसरो स्पेडेक्स अपडेट : यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उपग्रहों की दूसरी ‘डॉकिंग’ सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है. जैसा कि पहले सूचित किया गया है, PSLV-C60/स्पेडेक्स मिशन को 30 दिसंबर 2024 को सफलतापूर्वक शुरू किया गया था. इसके बाद उपग्रहों को पहली बार 16 जनवरी 2025 को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर सफलतापूर्वक ‘डॉक’ और 13 मार्च 2025 को सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर सफलतापूर्वक ‘अनडॉक’ (उपग्रहों को अलग करने की प्रक्रिया) किया गया. अगले दो सप्ताह में आगे के प्रयोगों की योजना बनाई गई है.”

अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ संबंधी प्रयोग करने वाला भारत चौथा देश

अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ संबंधी प्रयोग करने वाला चौथा देश है. ‘SpaDeX’ में महारत हासिल करना भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं-जैसे चंद्रमा पर मानवयुक्त मिशन भेजने, वहां से अनुसंधान के लिए नमूने लाने और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण एवं संचालन करने के लिए आवश्यक है. इसरो के अनुसार, ‘स्पेडेक्स’ दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग कर अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ के लिए एक किफायती प्रौद्योगिकी मिशन है, जिसे PSLV के जरिये लॉन्च किया गया था.

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Premanshu Chaturvedi
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समाचारों की दुनिया में सटीकता और निष्पक्षता के साथ नई कहानियों को प्रस्तुत करने वाला एक समर्पित लेखक। समाज को जागरूक और सूचित रखने के लिए प्रतिबद्ध।
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