Thursday, August 14, 2025
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MLA Pooja Pal : सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधायक पूजा पाल को पार्टी से निकाला, विधानसभा में कहा- अतीक को मिट्‌टी में मिलाया

समाजवादी पार्टी (सपा) ने विधायक पूजा पाल को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करने पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित कर दिया। पाल ने विधानसभा में अतीक अहमद के खिलाफ योगी की कार्रवाई की सराहना की थी, जिसे उन्होंने अपने पति का हत्यारा बताया।

MLA Pooja Pal : लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करने के बाद कौशांबी जिले के चायल क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक पूजा पाल को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। अखिलेश ने पाल द्वारा योगी की सराहना किये जाने के कुछ घंटे बाद ही यह कदम उठाया है। प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने सदन में पिछड़े समुदाय की एक महिला विधायक को बोलने नहीं देने के लिए सपा की आलोचना की है। विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान विजन-2047 पर अनवरत 24 घंटे की चर्चा में शामिल होते हुए पूजा ने कहा कि उनके पति के हत्यारे अतीक अहमद को मौजूदा सरकार की अपराध विरोधी नीतियों ने जमीन पर ला दिया।

पाल ने इसका सारा श्रेय मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को देते हुए कहा, ‘मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री ने मिट्टी में मिलाने का काम किया।’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने मेरे छिपे हुए आंसू देखे, जिन्हें वर्षों तक किसी ने नहीं देखा था। सपा प्रमुख यादव ने पूजा पाल को भेजे गए निष्कासन पत्र में कहा है, आपके पार्टी विरोधी गतिविधियां कीं। आपको सचेत करने के बावजूद आपने इस तरह की गतिविधियां बंद नहीं की, जिसकी वजह से पार्टी को काफी नुकसान हुआ है।उन्होंने कहा, आपने जो किया वह पार्टी विरोधी और गंभीर अनुशासनहीनता है, लिहाजा आपको समाजवादी पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है। साथ ही समाजवादी पार्टी के सभी अन्य पदों से भी हटाया जाता है।

आदित्‍यनाथ की सराहना के बाद पूजा पाल पार्टी से निष्कासित

पत्र में अखिलेश ने कहा, अब आप पार्टी के किसी भी कार्यक्रम बैठक आदि में भाग नहीं लेंगी और न ही आपको इसके लिए आमंत्रित किया जाएगा। पूजा पाल ने अपने निष्कासन की कार्यवाही पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि उन्हें राज्य विधानसभा में आदित्यनाथ की प्रशंसा करने के कारण पार्टी से निकाल दिया गया। पाल ने संवाददाताओं से कहा, मैं सदन में बैठी थी। मैंने सदन में मुख्यमंत्री की प्रशंसा की और फिर सदन में ही मुझे लिफाफा (निष्कासन पत्र) थमा दिया गया। यह स्पष्ट है कि मुझे मुख्यमंत्री की प्रशंसा करने के कारण निष्कासित किया गया है। भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर पाल ने कहा, मेरी किसी से ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है।

पाल ने कहा कि राजनीति उनके लिए कभी भी कोई बड़ी प्राथमिकता नहीं रही और उन्होंने केवल अपने पति को न्याय दिलाने के लिए राजनीति में प्रवेश किया था। राजू पाल की वर्ष 2005 में गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद के गुर्गों द्वारा किये गये एक हमले में हत्या कर दी गई थी। उन्होंने अप्रैल 2023 में अहमद की हत्या के दिन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह साथ ही उन परिवारों के लिए भी न्याय चाहती हैं जिनके सदस्यों की कथित तौर पर अतीक अहमद के इशारे पर हत्या की गई थी।

आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए पाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के संकल्प को उसी दिन समझ गई थीं जब उन्होंने विधानसभा में कहा था कि वह “ऐसे माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे। उन्होंने कहा कि जब अपराधियों के एनकाउंटर शुरू हुए तो सपा नेताओं ने अचानक सभी मुठभेड़ों को फर्जी कहना शुरू कर दिया। सपा नेतृत्व पर सीधा निशाना साधते हुए पाल ने कहा, आपको तय करना होगा और सबको बताना होगा कि आप पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं या मुठभेड़ में मारे गए माफिया नेताओं के साथ। पहले अपने दोहरे मानदंडों के बारे में बोलिए।

उप चुनावों के दौरान भी पूजा पाल ने भाजपा की मदद की

वर्ष 2023 में अतीक और उसके भाई की हत्या के बाद पूजा पाल का भारतीय जनता पार्टी की सरकार खासतौर से मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के प्रति झुकाव बढ़ गया था। उन्होंने उस समय राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की मदद की और पत्रकारों से योगी को अपना भाई बताया। पिछले वर्ष विधानसभा उप चुनावों के दौरान भी पूजा पाल ने भाजपा की मदद की। इस बीच, मंत्री अनिल राजभर ने ‘पीटीआई वीडियोज’ से बातचीत में सपा की आलोचना करते हुए कहा, ”पार्टी ने पिछड़े समुदाय की एक महिला विधायक को सदन में बोलने नहीं दिया। उनके कृत्य ने विधानसभा में समाजवादी पार्टी की पोल खोल दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा की है और उन्होंने विधानसभा में जो कहा उसे सभी को सुनना चाहिए। जून में, सपा ने तीन विधायकों अभय सिंह (गोसाईंगंज, अयोध्या), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज, अमेठी) और मनोज कुमार पांडे (ऊंचाहार, रायबरेली) को निष्कासित कर दिया था। उन पर 2024 के राज्यसभा चुनावों में भाजपा की मदद करने और पार्टी के मूल मूल्यों के खिलाफ काम करने के लिए ‘क्रॉस-वोटिंग’ करने का आरोप लगाया गया था। उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 258, सपा के 107, अपना दल (एस) के 13, राष्ट्रीय लोकदल के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पांच, निषाद पार्टी के पांच, कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो-दो और बहुजन समाज पार्टी का एक सदस्य है।

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://jagoindiajago.news/
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