Friday, September 26, 2025
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Sonam Wangchuk: विदेशी फंडिंग और CBI जांच को लेकर बोले सोनम वांगचुक, कहा- ‘सारा दोष मुझ पर ही डाल दिया गया, जबकि..’

Sonam Wangchuk: विदेशी फंडिंग के आरोपों और CBI जांच को लेकर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कहा कि उन्हें सारा दोष उन पर ही मढ़ दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग मुखरता से उठाने के कारण उन्हें निशाना बनाया गया।

Sonam Wangchuk: गृह मंत्रालय ने गुरुवार को जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के बनाए गए NGO स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का FCRA रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया. मंत्रालय की यह कार्रवाई NGO के खातों में पाई गई कथित गड़बड़ियों को लेकर की गई है. जिसमें स्वीडन से मनी ट्रांसफर भी शामिल था. गृह मंत्रालय ने इस राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया है. कार्रवाई को लेकर वांगचुक का कहना है कि मुझ पर सारा दोष डाला जा रहा है क्यों कि मैंने राज्य का दर्जा देने की मांग को मुखर होकर उठाया. इसकी के कारण मुझे निशाना बनाया जा रहा है.

FCRA उल्लंघन और CBI जांच पर बोले सोनम वांगचुक

सोनम वांगचुक ने कहा, ‘सारा दोष मुझ पर डाल दिया गया है. गृह मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी की जिसमें सोनम वांगचुक का नाम लिया गया और उन्हें हर चीज के लिए दोषी ठहराया गया. उन्होंने कहा कि इसमें मेरी कोई गलती नहीं है. लद्दाख के लोग बीते चुनाव में किए गए वादे पूरे ना करने का विरोध कर रहे हैं. तब वादा किया गया था कि लद्दाख को छठी अनुसूची में डाला जाए. अब लोग उसी वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं.

मेरे खिलाफ डेढ़ महीने से चल रही कार्रवाई: वांगचुक

वांगचुक ने आरोप लगाया कि मेरे खिलाफ बीते डेढ़ महीन से कार्रवाई चल रही है. इतना ही उन्होंने बताया कि मुझे डेढ़ महीने पहले की बताया गया था कि मेरे खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज होगा. मुझे नोटिस भी मिला था की मेरे स्कूल की जमीन को वापस ले लिया जाएगा. मुझे सीबीआई जांच के बारे में एक नोटिस मिला था जिसमें कहा गया था कि आपके संगठन को विदेशी धन प्राप्त हुआ, जबकि उसके पास FCRA नहीं था। हमें एफसीआरए नहीं मिला क्योंकि हमें विदेश से धन नहीं चाहिए।

विदेशी फंडिंग के आरोपों से किया इनकार

जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक ने विदेशी फंडिंग लेने के आरोपों से इनकार किया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफ़गानिस्तान ले जाना चाहती थी, और इसके लिए उन्होंने हमें शुल्क दिया। हमें अपने कृत्रिम ग्लेशियरों के बारे में जानकारी देने के लिए स्विट्जरलैंड और इटली के संगठनों से भी कर सहित शुल्क मिला. हमनें जानकारी दी जिसके बदले हमें नॉलेज फीस मिली. इस विदेशी फंडिंग कहना सही नहीं है.

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Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
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