टोरंटो। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा एक प्रमुख सिख अलगाववादी नेता की हत्या मामले में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाने के बीच कनाडाई मीडिया ने बताया है कि ओटावा के करीबी सहयोगी फाइव आइज कनाडा का पक्ष लेने के इच्छुक नहीं दिख रहे हैं। हालांकि संबंधित देशों ने कहा है कि दावे की गहराई से जांच होनी चाहिए। आपको बता दें कनाडा एक खुफिया गठबंधन फाइव आइज नेटवर्क का हिस्सा है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं। कनाडाई नागरिक 45 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट का हाथ होने के ट्रूडो के आरोपों के बाद कनाडा और भारत ने अपने-अपने देश में एक-दूसरे के वरिष्ठ राजनयिक को मंगलवार को निष्कासित कर दिया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और बेबुनियाद बताते हुए उन्हें सिरे से खारिज किया था।
प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में शामिल निज्जर (45) की 2 अज्ञात बंदूकधारियों ने गत 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। ट्रूडो ने सोमवार को संसद में कहा था कि कनाडा की खुफिया एजेंसियां खालिस्तान समर्थक सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ होने के आरोपों की जांच कर रही हैं। कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के फाइव आइज सहयोगियों ने ट्रूडो के आरोपों को लेकर ओटावा और नयी दिल्ली के बीच बढ़ते विवाद में कनाडा के पक्ष में अधिक सक्रियता नहीं दिखाई।
रिपोर्ट में कहा गया कि इस तथ्य के बावजूद कि ट्रूडो सरकार को लगता है कि उसके पास संसद में आरोप लगाने और एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने के लिए पर्याप्त जानकारी है, अधिकतर सहयोगी देशों ने आरोप की गहन जांच पर जोर दिया। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया सभी ने बयान जारी कर आरोपों की गहन जांच की मांग की है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी को संभवत: कनाडा का सबसे अधिक समर्थक बताते हुए सीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में उनके बयान का हवाला दिया, जिसमें किर्बी ने कहा ये निश्चित रूप से गंभीर आरोप हैं और हमारा मानना है कि यह निर्धारित करने के लिए कि वे कितने विश्वसनीय हैं, इसकी गहन जांच की आवश्यकता है।
ऑस्ट्रेलिया ने एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या में भारत का हाथ होने के कनाडा के आरोपों को चिंताजनक बताया और कहा कि कैनबरा इससे जुड़े घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए है और उसने भारतीय समकक्षों के सामने यह मुद्दा उठाया है। सीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य सहयोगी ब्रिटेन ने इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने भारत का कोई उल्लेख किए बिना एक्स पर कहा सभी देशों को संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए। हम कनाडा की संसद में उठाए गए गंभीर आरोपों के बारे में अपने कनाडाई सहयोगियों के साथ नियमित संपर्क में हैं।