Tuesday, October 14, 2025
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Bihar Election 2025 : बिहार में चुनाव लड़ने के लिए शरजील इमाम ने मांगी अंतरिम जमानत, दिल्ली दंगों के आरोप में किया था गिरफ्तार

दिल्ली दंगों के साजिश आरोपी छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम ने मंगलवार को अदालत में अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरगंज सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन और प्रचार के लिए 14 दिन की जमानत मांगी थी।

Bihar Election 2025 : नई दिल्ली। दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों के पीछे की साजिश के आरोपी छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम ने मंगलवार को यहां एक अदालत में दायर अपनी याचिका वापस ले ली। इमाम ने याचिका में बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने और प्रचार करने के लिए 14 दिन की अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया था।

शरजील इमाम ने याचिका में क्या कहा?

इमाम के वकील ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी के समक्ष दलील दी कि उनके मुवक्किल की नियमित जमानत याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है, इसलिए अंतरिम राहत शीर्ष अदालत से मांगी जाएगी। वकील अहमद इब्राहिम ने अदालत को बताया कि तकनीकी आधार पर याचिका वापस ली जा रही है। इमाम ने इससे पहले सोमवार को बहादुरगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए 15 से 29 नवंबर तक अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी।

इमाम को 25 अगस्त, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। याचिका में कहा गया था, इमाम के नामांकन और चुनाव प्रचार की व्यवस्था करने वाला कोई नहीं है, सिवाय उनके छोटे भाई के, जो वर्तमान में अपनी बीमार मां की देखभाल कर रहा है और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा है।

शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने का है आरोप

बता दें कि शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने शाहीन बाग और जामिया इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध के दौरान उकसाने वाले भाषण दिए थे, जिनसे हिंसा भड़की।

कुछ मामलों में मिल गई जमानत

हालांकि उनमें से कुछ मामलों में उन्हें जमानत दे दी गई थी, लेकिन वह 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में अभी भी जेल में बंद हैं, जिसमें दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) लगाया है। बता दें कि 2 सितंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने दंगों की साजिश के मामले में उनकी नियमित ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। उस आदेश के खिलाफ उनकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।

Mukesh Kumar
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