छत्तीसगढ़। कांग्रेस ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह पर छत्तीसगढ़ की एक चुनावी सभा में भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया और कहा कि निर्वाचन आयोग को शाह के खिलाफ मामला दर्ज उचित कार्रवाई करनी चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार तय नजर आने के बाद अब अमित शाह सांप्रदायिकता का सहारा लेना चाहते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि यदि कांग्रेस अगले महीने विधानसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में सत्ता में फिर से आती है तो वह तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति जारी रखेगी। राजनांदगांव शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने भुवनेश्वर साहू नामक युवक की हत्या के मामले का उल्लेख किया। साहू की हत्या इस साल अप्रैल में दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने की थी। भाजपा ने भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को इस विधानसभा चुनाव में टिकट दिया है।
चुनावी सभा के दौरान मंच पर मौजूद ईश्वर साहू की ओर इशारा करते हुए शाह ने कहा कि वोट बैंक और तुष्टिकरण के लिए भुवनेश्वर साहू की हत्या कर दी गयी। उन्होंने कहा हम भुवनेश्वर साहू के हत्यारे को सजा दिलाएंगे। हमने उनके पिता को टिकट दिया है। कांग्रेस महासचिव रमेश ने गृह मंत्री के इस बयान को लेकर एक्स पर पोस्ट किया देश के गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में अत्यंत भड़काऊ बयान दिया है।
रमेश के अनुसार, गृह मंत्री ने हत्या के एक मामले को लेकर अपनी चुनाव सभा में सीधे कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने तुष्टिकरण के लिए, वोट बैंक की राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ के बेटे भुवनेश्वर साहू को लिंचिंग करवाकर मार दिया। भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि हम भुवनेश्वर साहू के हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुंचाएंगे और इसके प्रतीक के रूप में उनके पिता ईश्वर साहू को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया अमित शाह का यह बयान ना केवल आपत्तिजनक है बल्कि इसका एकमात्र उद्देश्य शांत प्रदेश छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक हिंसा भड़काना है। गृह मंत्री ने चुनावी फ़ायदे की नीयत से उन्माद भड़काने के लिए यह बयान दिया है। उन्होंने दावा किया गृह मंत्री ने जो कहा है वह बिल्कुल झूठ है। हक़ीक़त यह है कि हिंसा और प्रति हिंसा के इस मामले में सरकार ने त्वरित कार्रवाई की थी और आरोपियों को गिरफ़्तार करके जेल भेजा था। लेकिन छत्तीसगढ़ में साफ़ दिख रही अपनी हार से बौखलाए अमित शाह अब सांप्रदायिकता का सहारा लेना चाहते हैं।
रमेश ने कहा इस मामले में अब आचार संहिता के बीच पहली ज़िम्मेदारी सीधे चुनाव आयोग की है। वह इस भड़काऊ बयान का संज्ञान ले और अमित शाह के विरुद्ध मामला दर्ज़ कर उचित कार्रवाई करे। ऐसा न हुआ तो आशंका है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा आगे भी अपने चुनाव अभियान में सांप्रदायिकता फ़ैलाने से बाज नहीं आयेगी।