बेंगलुरु। ‘द वीक’ पत्रिका और दैनिक समाचारपत्र ‘मलयाला मनोरमा’ के पूर्व दिल्ली रेजिडेंट संपादक के रूप में काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार के एस सच्चिदानंद मूर्ति का शुक्रवार को निधन हो गया। सच्चिदानंद मूर्ति ने यहां एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
सूत्रों के मुताबिक एस सच्चिदानंद मूर्ति (68) की हाल ही में फेफड़े की प्रत्यारोपण सर्जरी हुई थी और वह पिछले कुछ दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। दोस्तों और मीडिया जगत में ‘सची’ के नाम से लोकप्रिय सच्चिदानंद मूर्ति के परिवार में पत्नी और 2 बेटे हैं। उनका परिवार मूल रूप से कर्नाटक में कोलार जिले के अष्टग्राम गांव से है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एस सच्चिदानंद मूर्ति ने नवंबर 1982 में ‘द वीक’ में बैंगलोर संवाददाता के रूप में काम शुरू किया था और सितंबर 2022 में अपनी सेवानिवृत्ति तक वह मलयाला मनोरमा समूह के साथ रहे।
फरवरी 1989 में वह बैंगलोर में पत्रिका के विशेष संवाददाता बन गए, और इसके बाद अप्रैल 1990 में राष्ट्रीय राजधानी ब्यूरो के प्रमुख के रूप में उन्हें दिल्ली भेजा गया। ‘द वीक’ के अनुसार, अप्रैल 2000 में उन्हें रेजिडेंट संपादक नियुक्त किया गया था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने एस सच्चिदानंद मूर्ति के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें अपना प्रिय मित्र और शुभचिंतक बताया। मूर्ति दिल्ली के मीडिया जगत में सक्रिय कर्नाटक के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों में से एक थे।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा राज्य और राष्ट्रीय स्तर के घटनाक्रम पर विश्वकोश की तरह रहे सच्चिदानंद मूर्ति का निधन मीडिया जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं उनके परिवार और दोस्तों के दुख में शामिल हूं।
उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने अपने शोक संदेश में कहा उनके निधन से मीडिया जगत से एक ईमानदार प्रतिभा गायब हो गयी है। मूर्ति ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के महासचिव, प्रेस परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया था और वह दिल्ली में कर्नाटक के सबसे प्रसिद्ध पत्रकारों में से एक थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पत्रकारिता के क्षेत्र में एस सचिदानंद मूर्ति के योगदान को याद करते हुए कहा वरिष्ठ पत्रकार सच्चिदानंद मूर्ति (सची) के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है।
सच्चिदानंद मूर्ति को राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान के लिए दुर्लभ सिंह मीडिया पुरस्कार और कर्नाटक मीडिया अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।