Thursday, December 19, 2024
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Sanjay Nirupam: इस्तीफे के बाद पार्टी से निष्कासन पर संजय निरुपम का कांग्रेस पर बड़ा हमला,कहा-‘ऐसी तत्परता देखकर अच्छा लगा’,पढ़ें और क्या कहा ?

मुंबई, पूर्व सांसद संजय निरुपम ने अपने निष्कासन को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर गुरुवार को कटाक्ष करते हुए दावा किया कि पार्टी को अपना इस्तीफा भेजने के बाद उन्हें निष्कासित किया गया. बता दें कि अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार देर शाम निरुपम को तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दे दी.

संजय निरुपम ने क्या कहा ?

कांग्रेस की मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख निरुपम ने गुरुवार को सुबह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “ऐसा लगता है कि पार्टी ने कल रात मेरा त्यागपत्र मिलने के तुरंत बाद मेरे निष्कासन का निर्णय ले लिया. ऐसी तत्परता देखकर अच्छा लगा.”

खरगे को लिखे पत्र में निरुपम ने कहा, ‘मैंने आखिरकार आपकी बहुप्रतीक्षित इच्छा को पूरा करने का फैसला किया है और मैंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय ले लिया है.निरुपम की नजर मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र पर थी और आगामी संसदीय चुनावों के लिए शिवसेना (यूबीटी) को यह सीट देने को लेकर वह कांग्रेस से नाराज थे.

मुंबई सीट उद्धव ठाकरे की पार्टी को देने से थे नाराज

निरुपम के खिलाफ कार्रवाई की मांग तब बढ़ गई जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के तहत सीट-बंटवारे की बातचीत के दौरान मुंबई की सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को देने को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की.इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने स्टार प्रचारक की सूची से निरुपम का नाम हटा दिया था, जिससे संकट के बढ़ने का संकेत मिला.

पार्टी पर बोला था तीखा हमला

इसके बाद निरुपम ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ‘गंभीर वित्तीय संकट’ का सामना कर रही है, इसलिए उसे खुद को बचाने के लिए स्टेशनरी और ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए.उन्होंने पार्टी के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई के संदर्भ में यह कहा था.मुंबई उत्तर से पूर्व सांसद निरुपम ने यह भी कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (यूबीटी) की धौंस में नहीं आना चाहिए.

निरुपम ने दावा किया था कि मुंबई में एकतरफा तरीके से उम्मीदवार उतारने के शिवसेना (यूबीटी) के फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस के विनाश की अनुमति देने जैसा है.निरुपम ने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी. 2009 में वह मुंबई उत्तर सीट से जीते थे. वह 2014 में मुंबई उत्तर सीट से भाजपा के गोपाल शेट्टी के खिलाफ चुनाव हार गए थे.

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