Azam Khan Release : सीतापुर (उप्र)। सपा नेता आज़म खान आखिरकार 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए। उनकी रिहाई का पल देखने के लिए बेटे अदीब और अब्दुल्ला आज़म खुद जेल पहुंचे। बाहर आते ही आज़म खान ने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया, जबकि मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे।
सुबह 9 बजे रिहाई तय थी, लेकिन रामपुर कोर्ट के एक मामले में 6 हजार रुपये जुर्माना न भरने से मामला अटक गया। कोर्ट खुलते ही रिश्तेदार फरहान उल्ला खान ने जुर्माना जमा किया और ईमेल के जरिए जेल प्रशासन को जानकारी भेजी गई। इसके बाद सभी औपचारिकताएं पूरी हुईं और आज़म खान को रिहा कर दिया गया।
अदालती कार्यवाही की वजह से हुई देरी
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आज़म खान की मंगलवार सुबह होने वाली रिहाई लंबित अदालती कार्यवाही के कारण टल गई है और अब देर में होने की संभावना जताई जा रही है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पार्टी समर्थकों के साथ आजम के बड़े बेटे अदीब सुबह से ही सीतापुर जिला कारागार के बाहर उनका स्वागत करने के लिए मौजूद हैं। अदीब ने पत्रकारों को बताया, आजम खान आज के नायक हैं। मैं सभी समर्थकों के साथ उनका स्वागत करने आया हूं।
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, मुझे और कुछ नहीं कहना है। जो कुछ भी कहना होगा, मेरे पिता जेल से बाहर आने के बाद कहेंगे। कई मामलों का सामना कर रहे आजम खान के लगभग दो साल की कैद के बाद जमानत पर जेल से बाहर आने की उम्मीद है। जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सीतापुर में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी, लेकिन बड़ी संख्या में समर्थक अपने वाहनों के साथ जेल के पास पहुंचने में कामयाब रहे। इससे यातायात बाधित हो गया। यातायात पुलिस ने प्रतिबंधों का उल्लंघन कर जमा हुए कई वाहनों के चालान काटे।

नगर क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) विनायक भोसले ने कहा, ‘धारा 163 लागू होने के बावजूद अफरा-तफरी और भीड़भाड़ थी। वाहनों को जेल के पास आने की अनुमति नहीं थी, लेकिन वे किसी तरह पहुंच गए। आगे की जटिलताओं से बचने के लिए कार्रवाई करनी पड़ी।’ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक अनूप गुप्ता और जिला अध्यक्ष छत्रपति यादव समेत कई नेता और भारी संख्या में कार्यकर्ता खान का स्वागत करने के लिए जेल के बाहर मौजूद दिखे।
हाईकोर्ट ने 5 दिन पहले दी थी जमानत
आजम के खिलाफ 104 मुकदमे दर्ज हैं। 5 दिन पहले हाईकोर्ट ने उन्हें बार पर कब्जे से जुड़े मुकदमे में जमानत दी थी। तभी पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ दी थीं। 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने इन धाराओं को खारिज कर दिया, जिससे रिहाई का रास्ता साफ हो गया। यह आखिरी मुकदमा था, जिस पर आजम को जमानत मिलनी बाकी थी।