नई दिल्ली, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी विमर्श में ‘त्वचा के रंग’ का मुद्दा लाकर ‘घोर नस्लीय’ रुख अपनाया है. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष द्वारा यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन उनकी त्वचा के रंग के आधार पर नहीं किया गया था.राष्ट्रपति पद के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था, वहीं कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा का समर्थन किया था.
राष्ट्रपति चुनाव का जिक्र कर कही ये बात
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘‘एक उम्मीदवार का समर्थन त्वचा के रंग के आधार पर नहीं था.दूसरे उम्मीदवार का विरोध त्वचा के रंग के आधार पर नहीं था. समर्थन या विरोध राजनीतिक फैसला था और हर निर्वाचक मतदाता अपनी पार्टी के फैसले का स्वागत करता है या करती है.उन्होंने कहा,”माननीय प्रधानमंत्री चुनावी बहस में त्वचा के रंग को क्यों ले आए हैं?.कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया,”प्रधानमंत्री के बयान पूरी तरह अप्रासंगिक और घोर नस्लीय हैं.”
पीएम मोदी ने क्या कहा था ?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की ‘त्वचा के रंग’ वाली कथित टिप्पणी को लेकर विपक्षी दल पर हमला बोला और कहा कि देशवासी त्वचा के रंग को लेकर अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा था कि उन्हें अब समझ में आया कि कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को इसलिए हराना चाहती थी, क्योंकि उनकी ‘त्वचा का रंग काला है.’
सैम पित्रोदा के इस बयान से शुरू हुआ था विवाद
पित्रोदा ने कथित तौर पर कहा था कि पूर्वी भारत के लोग चीनियों जैसे दिखते हैं, जबकि दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकियों जैसे दिखते हैं.इससे विवाद खड़ा हो गया है.