Saturday, November 16, 2024
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Salman Khan Firing Case : मुंबई पुलिस ने मामले में किया बड़ा खुलासा, बताया रफीक चौधरी कैसे आया लॉरेंस विश्नोई गैंग के संपर्क में,जानें

मुंबई,सलमान खान गोलीबारी मामले में शूटर को आर्थिक मदद पहुंचाने वाले मोहम्मद रफीक चौधरी को हरियाणा के मूल निवासी हरपाल सिंह ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह में शामिल होने में मदद की थी.दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया पर हुई थी.हाल ही में पुलिस ने सलमान खान गोलीबारी मामले में हरपाल सिंह को गिरफ्तार किया है. मुंबई पुलिस ने यह जानकारी दी.

हरपाल सिंह को लेकर पुलिस ने किया ये खुलासा

बांद्रा में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के घर के बाहर 14 अप्रैल को हुई फायरिंग की जांच कर रही मुंबई अपराध शाखा के अधिकारियों ने कहा कि हरपाल सिंह ने रफीक चौधरी को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के फैन पेज से जोड़ा था.हरियाणा के सिरसा शहर के रहने वाले हरपाल सिंह (34) को मुंबई अपराध शाखा की एक टीम ने सोमवार शाम को उसके गृह राज्य के फतेहाबाद से गिरफ्तार किया था.वह गोलीबारी की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार होने वाला छठा व्यक्ति है और वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य है.

फायरिंग की घटना में थी अहम भूमिका

पुलिस के अनुसार, हरपाल सिंह गोलीबारी की घटना में एक महत्वपूर्ण कड़ी था क्योंकि वह सीधे लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई और एक अन्य गिरोह के नेता रोहित गोदारा के संपर्क में था.एक अधिकारी ने कहा कि सिंह ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह में शामिल होने के लिए गोलीबारी में शामिल 2 शूटरों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले चौधरी (37) की मदद की थी.चौधरी को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया है.अधिकारी ने बताया कि सिंह एक व्हॉटसप ग्रुप में शामिल था जिसमें बिश्नोई गैंग के सदस्य जुड़े हुए थे.

2 मामलों में पहले भी जा चुका जेल

हरपाल सिंह को पहले भी 2 मामलों में गिरफ्तार किया गया था. साल 2022 में उसके गैंग के खिलाफ किसी आपराधिक मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था. इस गिरफ्तारी के बाद सिंह छह महीने जेल में था.पिछले साल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गोलीबारी के एक मामले में सिंह फिर से गिरफ्तार किया गया था और उसने 11 महीने जेल में बिताए थे.अधिकारी ने कहा कि जेल से बाहर आने के बाद, सिंह ने सलमान खान के आवास के बाहर गोली चलाने की गिरोह की योजना में चौधरी को शामिल किया.

मुंबई पुलिस ने लगाया मकोका

सिंह ने चौधरी से कहा था कि अगर वह पकड़ा जाता है, तो वह 3 महीने के भीतर जमानत पर बाहर आ जाएगा.उन्होंने कहा कि हरपाल सिंह महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के कड़े प्रावधानों से अनजान था, जो एक आरोपी के लिए जमानत प्राप्त करना मुश्किल बनाते हैं.पुलिस ने गोलीबारी के मामले में आरोपियों पर मकोका लगाया है.

हरपाल सिंह को किसने दिए पैसे ?

सिंह ने बिहार के रहने वाले शूटर सागर पाल और विक्की गुप्ता को देने के लिए चौधरी को 2 लाख रुपये से 3 लाख रुपये दिए थे.अधिकारी ने कहा कि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सिंह को यह पैसा किसने दिया था.अधिकारी ने कहा कि मुंबई में रहने वाले चौधरी को शहर की पुलिस के काम करने के तरीके के बारे में पता था और चौधरी ने सिंह से कहा था कि अगर वह पकड़ा गया तो वह उसका नाम लेगा.

कॉलिंग एप से करता था बात

चौधरी को खान के आवास की रेकी और शूटर पाल और गुप्ता के रहने तथा अन्य जरुरतों के लिए पैसे का इंतजाम करने की जिम्मेदारी दी गई थी.अधिकारी ने कहा कि राजस्थान के नागौर जिले के एक गांव से गिरफ्तार किया गया चौधरी ‘सिग्नल’ और अन्य कॉलिंग ऐप पर अनमोल बिश्नोई और गोदारा से नियमित रूप से बात करता था.

अधिकारी ने बताया कि हरपाल सिंह ने शूटरों से कहा था कि अनमोल बिश्नोई ने तुम सभी को बड़ा काम दिया है.गोलीबारी की घटना के बाद, मुंबई अपराध शाखा ने पहले शूटरों और फिर हथियार आपूर्तिकर्ताओं को गिरफ्तार किया.चौधरी ने चेतावनी दी थी कि अगर वह गिरफ्तार हुआ तो वह सिंह का नाम लेगा.जिसके बाद सिंह ने अपना रूप और पहचान बदल ली और अपने पैतृक स्थान को छोड़कर फतेहाबाद में रहने लगा.अधिकारी ने कहा कि मुंबई अपराध शाखा, सिंह का पता लगाने और उसे पकड़ने में कामयाब रही.

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