Sai Jadhav : पुणे। महाराष्ट्र के कोल्हापुर की सई जाधव ने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), देहरादून में प्री-कमीशनिंग प्रशिक्षण पूरा करने वाली पहली महिला प्रादेशिक सेना (टीए) अधिकारी बनकर 93 वर्ष पुरानी परंपरा को तोड़ दिया। आईएमए में केवल पुरुष अधिकारी ही प्रशिक्षण हासिल करते थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सई जाधव को बधाई दी और कहा कि उनकी उपलब्धि प्रेरणादायी है, जो देशभर की अनगिनत युवतियों के सपनों को दिशा देगी।
सेना के कई अधिकारियों ने यहां से प्रशिक्षण हासिल किया
सई (23) को 157वीं कोर्स की पासिंग आउट परेड के दौरान लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन किया गया, जो आईएमए के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। आईएमए की स्थापना 1932 में हुई थी और तब से सेना के कई अधिकारियों ने यहां से प्रशिक्षण हासिल किया है। उन्हें 13 दिसंबर को आईएमए देहरादून में कमीशन किया गया। प्रादेशिक सेना में मेजर पद पर कार्यरत सई के पिता संदीप जाधव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए बताया कि सई को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कुमाऊं रेजिमेंट के 130वीं प्रादेशिक सेना (इकोलॉजिकल) बटालियन में कमीशन किया गया है। उन्होंने कहा कि सई फिलहाल ‘डिस्टेंस लर्निंग’ के माध्यम से एमबीए की पढ़ाई कर रही हैं।

मेजर जाधव ने कहा, “एमबीए करते हुए वह प्रतियोगी परीक्षाओं और प्रादेशिक सेना की तैयारी भी कर रही थीं। उन्होंने दिसंबर 2023 में परीक्षा दी थी। प्रादेशिक सेना में एक महिला अधिकारी के लिए केवल एक सीट थी और चूंकि उनका मेरिट सबसे ऊपर था, इसलिए उनका चयन किया गया। उन्होंने कहा, अब वह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कुमाऊं रेजिमेंट के 130वें इन्फैंट्री बटालियन (टीए) में कमीशन की गई हैं। जाधव ने कहा कि परिवार की सैन्य पृष्ठभूमि के कारण उनकी बेटी का सैन्य सेवा के प्रति झुकाव बढ़ा। उन्होंने कहा, “हम माता-पिता के रूप में गर्व महसूस कर रहे हैं कि हमारी बेटी ने अपना सपना पूरा किया और राष्ट्र सेवा को चुना।”
सीएम फडणवीस ने दी बधाई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सई को बधाई दी। फडणवीस ने ‘एक्स’ पर लिखा, उन्होंने 93 वर्षों में पहली महिला अधिकारी कैडेट बनकर इतिहास रचा है।… यह गर्व की बात है कि यह सम्मान एक मराठी मुलगी को मिला है। उन्होंने कहा, यह सिर्फ एक व्यक्तिगत सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि इससे देशभर की अनगिनत युवतियों के सपनों को दिशा मिलेगी। मूल रूप से कोल्हापुर की निवासी और बेलगाम में पली-बढ़ीं व शिक्षा हासिल करने वालीं सई जाधव परिवार की चौथी पीढ़ी की सदस्य हैं जो राष्ट्र सेवा की परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं।




