पथनमथिट्टा (केरल)। केरल में रन्नी की एक स्थानीय अदालत ने सबरीमला से सोना ‘‘गायब’’ होने के मामले के मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को शुक्रवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) की हिरासत में भेज दिया। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने 30 अक्टूबर तक के लिए एसआईटी को पोट्टी की हिरासत सौंप दी। आरोपी ने दावा किया कि उसे किसी ने ‘फंसाया’ है।
पोट्टी को एसआईटी की हिरासत में भेजा
पोट्टी ने उसे अदालत से बाहर ले जाए जाते समय पत्रकारों से कहा, जिन्होंने मुझे फंसाया है, वे कानून के दायरे में आएंगे। पोट्टी को जब अदालत से बाहर ले जाया जा रहा था तब वहां एकत्र भीड़ में से एक व्यक्ति ने उस पर जूता फेंका। इससे पहले दिन में, एसआईटी ने तिरुवनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में 14 घंटे से अधिक देर तक पूछताछ करने के बाद बेंगलुरु के व्यवसायी पोट्टी को गिरफ्तार किया था। उसे बृहस्पतिवार को तिरुवनंतपुरम के पास पुलिमठ स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया। पोट्टी ने 2019 में सबरीमला में द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों और श्रीकोविल (गर्भगृह) के चौखटों पर सोने की परत चढ़ाने का काम प्रायोजित किया था और मंदिर को कई बार दान दिया था।
केरल उच्च न्यायालय ने हाल में पाया कि द्वारपालक मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने के लिए जब उन्हें पोट्टी को सौंपा गया था तब उनका वजन 42.8 किलोग्राम था लेकिन चेन्नई स्थित कंपनी ‘स्मार्ट क्रिएशंस’ में पहुंचने पर उनका वजन घटकर 38.2 किलोग्राम रह गया। इन निष्कर्षों के बाद उच्च न्यायालय ने त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) सतर्कता शाखा को प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया जिसके बाद मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया। एसआईटी दो संबंधित मामलों की जांच कर रही है – द्वारपालक की मूर्तियों से सोना गायब होना और श्रीकोविल द्वार चौखट से सोना गायब होना। टीडीबी के कुछ अधिकारियों और 2019 बोर्ड के सदस्यों के साथ पोट्टी दोनों मामलों में मुख्य आरोपी है।
सबरीमला से सोना गायब होने के मामले के पीछे की साजिश, जांच हो
सूत्रों ने बताया कि पोट्टी को देर रात करीब दो बजे गिरफ्तार किया गया और चिकित्सकीय जांच के लिए तिरुवनंतपुरम के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। बाद में हिरासत प्रक्रिया के तहत उसे रन्नी स्थित न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में ले जाया गया। सुनवाई के दौरान, अभियोजन पक्ष ने विस्तृत पूछताछ और अन्य राज्यों सहित कई स्थानों से साक्ष्य एकत्र करने की आवश्यकता का हवाला देते हुए पोट्टी को 14 दिन की हिरासत में सौंपे जाने का अनुरोध किया। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि सबरीमला से सोना गायब होने के मामले के पीछे की साजिश में शामिल व्यक्तियों और चेन्नई स्थित कंपनी ‘स्मार्ट क्रिएशंस’ के खिलाफ विस्तृत जांच की जानी है।
पोट्टी के वकील ने उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताते हुए इस अनुरोध का विरोध किया। मजिस्ट्रेट ने अभियोजन पक्ष की याचिका स्वीकार कर ली और पोट्टी को 30 अक्टूबर तक हिरासत में भेज दिया। पोट्टी को बाद में पथनमथिट्टा पुलिस शिविर ले जाया गया। पोट्टी के वकील के अनुसार, अदालत ने निर्देश दिया है कि हिरासत अवधि के दौरान उनके मुवक्किल की रोजाना चिकित्सकीय जांच हो। उन्होंने कहा, हमने पोट्टी को हिरासत में दिए जाने का अनुरोध करने वाली अभियोजन पक्ष की याचिका पर आपत्ति जताई थी और उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई थी। जमानत याचिका बाद में दायर की जाएगी। वकील ने कहा कि पोट्टी जांच में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है लेकिन उन्होंने और कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। केरल उच्च न्यायालय ने एसआईटी को जांच पूरी करने के लिए छह सप्ताह की समय सीमा दी है।