India Russia Trade Relation: दिल्ली में रूस के प्रभारी राजदूत रोमन बाबुश्किन ने बुधवार को कहा कि रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए भारत के खिलाफ अमेरिका की दंडात्मक कार्रवाई से उत्पन्न होने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए रूस के पास एक विशेष तंत्र है. भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद भारत और अमेरिका के संबंध तनावपूर्ण हुए हैं.
सुदर्शन चक्र प्रोजेक्ट में मदद करेगा रूस
बाबुश्किन ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नई दिल्ली के साथ अपने देश के संबंधों में तेजी से सुधार होने की उम्मीद जताई और कहा कि विभिन्न सैन्य साजोसामान व उपकरण की आवश्यकता के लिए रूस भारत का पसंदीदा साझेदार रहा है. नई दिल्ली की सुदर्शन चक्र नामक एक नई वायु रक्षा प्रणाली बनाने की योजना का रूस के हिस्सा होने की उम्मीद है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान की थी. उन्होंने कहा, हम इस समझ से आगे बढ़ रहे हैं कि जब इन प्रणालियों को आगे बढ़ाने की बात आएगी, तो रूसी उपकरण इसका हिस्सा होंगे.’
VIDEO | Delhi: Roman Babushkin, Deputy Chief of Mission, Russian Embassy in India surprised everyone welcoming them in Hindi during his press conference.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 20, 2025
"Shuruat karengey… Shree Ganesh Karengey!" Babushkin said as he began his media interaction.
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/uMpOFVlLkN
‘रूसी तेल खरीद पर अमेरिका का दबाव बनाना अनुचित’
रूस के प्रभारी राजदूत ने रूसी तेल की खरीद बंद करने को लेकर भारत पर अमेरिका की ओर से निरंतर दबाव बनाए जाने को अनुचित बताया और कहा कि इस तरह का दृष्टिकोण और प्रतिबंध वैश्विक आर्थिक स्थिरता व ऊर्जा सुरक्षा के लिए हानिकारक है. भारत के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है. हमें भारत के साथ अपनी साझेदारी पर भरोसा है. हम दोनों देशों के बीच ऊर्जा संबंधों में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ उन्होंने विश्वास जताया कि भारत-रूस ऊर्जा सहयोग बढ़ता रहेगा. रूसी अधिकारियों ने स्वीकार किया कि पश्चिमी शुल्क और प्रतिबंधों के मद्देनजर तेल आयात की कीमतों में 5 प्रतिशत का उतार-चढ़ाव संभव है, हालांकि यह चर्चा का विषय होगा.
अमेरिकी वित्त मंत्री ने दी थी और टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी
पिछले हफ़्ते, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चेतावनी दी थी कि अगर भारत रूसी कच्चे तेल की ख़रीद जारी रखता है, तो ट्रंप प्रशासन भारत पर शुल्क बढ़ा सकता है. अमेरिका ने रूस के साथ ऊर्जा संबंधों के कारण भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है, लेकिन उसने रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार चीन के ख़िलाफ़ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है.
तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 2024-25 में बढ़कर 35.1% हुई
भारत रूसी कच्चे तेल की अपनी खरीद का बचाव करते हुए यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने मॉस्को पर प्रतिबंध लगाकर कच्चे तेल की आपूर्ति बंद कर दी थी, जिसके बाद भारत ने कम दामों पर रूसी तेल की खरीद शुरू कर दी थी. इसके परिणामस्वरूप, कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 2024-25 में बढ़कर 35.1 प्रतिशत हो गई जो 2019-20 में मात्र 1.7 प्रतिशत थी.
‘रूसी बाजार भारतीय निर्यात का करेगा स्वागत’
बाबुश्किन ने कहा कि दोनों पक्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी शुल्क के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रूसी बाजार भारतीय निर्यात का स्वागत करेगा.
पुतिन की भारत यात्रा पर कही ये बात
रूसी राजदूत ने कहा कि इस साल के अंत में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक उथल-पुथल के बीच एक स्थिर शक्ति के रूप में ब्रिक्स की भूमिका बढ़ेगी. भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग के क्षेत्र में और विस्तार होगा।