Mallikarjun Kharge On RSS: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने RSS पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए यही संगठन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा-‘ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं.’
खरगे ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘मेरा व्यक्तिगत विचार है कि RSS पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए RSS और भाजपा जिम्मेदार हैं. पटेल ने भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा के लिए RSS को प्रतिबंधित किया था. आप (भाजपा) हर चीज के लिए कांग्रेस को दोष देते हैं तो अपनी करतूत को भी देख लीजिए. सच को जितना मिटाने की कोशिश कर लो, वह नहीं मिटेगा.’
नेहरू और पटेल के बहुत अच्छे रिश्ते थे: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा-‘वे (प्रधानमंत्री और भाजपा) हमेशा स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच झगड़ा दिखाने की कोशिश करते हैं, जबकि नेहरू और पटेल के बहुत अच्छे रिश्ते थे और पटेल ने नेहरू को जनता का नेता बताया था. भाजपा से कहना चाहता हूं कि दही में कंकड़ मत ढूंढो. आपका इतिहास सबको मालूम है. नेहरू ने ही सबसे पहले गुजरात में पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया था और सरदार सरोवर बांध की बुनियाद रखी थी.’
पीएम मोदी ने नहरू को लेकर कही थी ये बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया. गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘सरदार पटेल का मानना था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए.’
नेहरू ने कश्मीर का एकीकरण नहीं होने दिया: मोदी
मोदी ने कहा, ‘सरदार पटेल पूरे कश्मीर का एकीकरण करना चाहते थे जैसा उन्होंने अन्य रियासतों के साथ किया था. लेकिन नेहरू जी ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी. कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया और कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा.’
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