Thursday, August 28, 2025
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RSS प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुकुल शिक्षा को मुख्यधारा में शामिल करने पर दिया जोर, एनईपी की सराहना की

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को गुरुकुल शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़ने का आह्वान किया, यह स्पष्ट करते हुए कि इसका अर्थ आश्रम में रहना नहीं, बल्कि परंपराओं को समझना है। उन्होंने संस्कृत को अनिवार्य बनाए बिना वैदिक ज्ञान और इतिहास की शिक्षा पर ज़ोर दिया।

RSS chief Mohan Bhagwat News : नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुकुल शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा के साथ जोड़ने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि गुरुकुल शिक्षा का मतलब आश्रम में रहना नहीं बल्कि देश की परंपराओं के बारे में सीखना है। आरएसएस के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के दौरान एक सवाल पर भागवत ने कहा कि वह संस्कृत को अनिवार्य बनाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन देश की परंपरा और इतिहास को समझना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘वैदिक काल के प्रासंगिक 64 पहलुओं को पढ़ाया जाना चाहिए। गुरुकुल शिक्षा को मुख्यधारा में शामिल किया जाना चाहिए, न कि उसे प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।

भागवत ने की एनईपी की सराहना

आरएसएस सरसंघचालक ने कहा कि मुख्यधारा को गुरुकुल शिक्षा से जोड़ा जाना चाहिए, जिसका मॉडल फिनलैंड के शिक्षा मॉडल के समान है। उन्होंने कहा, शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी देश फिनलैंड में शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए एक अलग विश्वविद्यालय है। स्थानीय आबादी कम होने के कारण कई लोग विदेश से आते हैं, इसलिए वे सभी देशों के छात्रों को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा, आठवीं कक्षा तक की शिक्षा छात्रों की मातृभाषा में दी जाती है… इसलिए गुरुकुल शिक्षा का मतलब आश्रम में जाकर रहना नहीं है, इसे मुख्यधारा से जोड़ना होगा। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को सही दिशा में उठाया गया सही कदम बताते हुए भागवत ने कहा कि हमारे देश में शिक्षा प्रणाली बहुत पहले ही नष्ट हो गई थी।

उन्होंने कहा, नयी शिक्षा प्रणाली इसलिए शुरू की गई क्योंकि हम हमेशा विदेशी आक्रमणकारियों के गुलाम रहे, जो उस समय के शासक थे। वे इस देश पर शासन करना चाहते थे, इसका विकास नहीं करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने सभी प्रणालियां इस बात को ध्यान में रखते हुए बनाईं कि हम इस देश पर कैसे शासन कर सकते हैं…लेकिन अब हम आजाद हैं। इसलिए हमें केवल देश नहीं चलाना है, हमें लोगों को चलाना है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि बच्चों को अतीत के बारे में सभी आवश्यक जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि उनमें गर्व पैदा हो सके कि ‘‘हम भी कुछ हैं, हम भी कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने यह कर दिखाया है। यह सब बदलना ही था। पिछले कुछ सालों में थोड़ा बहुत बदलाव आया है और इसके बारे में जागरूकता बढ़ी है।

Mukesh Kumar
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