कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित सरकारी आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में पिछले साल अगस्त में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
बता दें कि सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने शनिवार को रॉय को पिछले वर्ष 9 अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के खिलाफ हुए जघन्य अपराध के मामले में दोषी ठहराया था.
#WATCH अधिवक्ता रहमान ने कहा, "संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दोषी पर BNS की 3 धाराओं के तहत जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने राज्य को पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।" pic.twitter.com/tO46BCijVM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2025
न्यायालय ने कही ये बात
न्यायाधीश दास ने कहा कि यह अपराध ”दुलर्भ से दुर्लभतम” श्रेणी में नहीं आता, जिससे दोषी को मृत्युदंड दिया जा सके. अदालत ने राज्य सरकार को मृतक चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. न्यायाधीश ने दोषी करार देने के अंतिम फैसले और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलों के साथ-साथ पीड़िता के परिवार और मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अंतिम जिरह सुनने के बाद सजा का ऐलान किया.
संजय रॉय ने खुद को बताया निर्दोष
मामले में सजा सुनाए जाने से पहले संजय रॉय ने अदालत से कहा, ”मुझे फंसाया जा रहा है और मैंने कोई अपराध नहीं किया है. मैंने कुछ भी नहीं किया है फिर भी मुझे दोषी ठहराया गया है. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अनिर्बान दास ने रॉय को शनिवार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी ठहराया.
CBI ने कोर्ट से की कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग
कार्यवाही के दौरान केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिवक्ता ने दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने का अनुरोध किया. एजेंसी के अधिवक्ता ने अदालत से कहा, ”हम समाज में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए कड़ी से कड़ी सजा का अनुरोध करते हैं.”