Friday, November 15, 2024
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Kedarnath Rescue Update : केदारनाथ में बचाव अभियान 5वें दिन भी जारी,अभी भी फंसे हैं 400 लोग,लापता लोगों की तलाश के लिए स्निफर डॉग की ली जा रही मदद

रुद्रप्रयाग, भारी बारिश और बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बचाव अभियान सोमवार को लगातार 5वें दिन भी जारी रहा, जहां सुबह 133 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया.रूद्रप्रयाग में अधिकारियों ने बताया कि केदारघाटी में मौसम साफ होने से हवाई मार्ग से चलाए जा रहे बचाव अभियान में तेजी आई है और छोटे हेलीकॉप्टर के साथ ही भारतीय वायुसेना के चिनूक व एमआई17 हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ धाम में फंसे कई यात्रियों को बाहर निकाला.

133 लोगों को सुबह 9 बजे तक सुरक्षित बाहर निकाला

अधिकारियों के मुताबिक, सुबह 9 बजे तक 133 लोगों को केदारनाथ धाम से बाहर निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका था.उन्होंने बताया कि इसके अलावा, 100 अन्य लोगों को राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF),राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और अन्य बचाव दलों की देखरेख में केदारनाथ धाम से लिंचोली के लिए रवाना किया गया, जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिये शेरसी हेलीपैड ले जाया जाएगा.

10,374 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका

उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास अधिकारी विनोद कुमार सुमन ने रविवार रात कहा था कि केदारनाथ यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों-केदारनाथ, लिंचोली, भीमबली और गौरीकुंड से 10,374 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है तथा अब केवल केदारनाथ में 350 व लिंचोली में 50 यात्री फंसे हुए हैं.

रेस्क्यू में खराब मौसम बन रहा बाधा

सुमन ने बताया था कि केदारनाथ और आसपास के क्षेत्रों में घने बादल छाए रहने के कारण हवाई अभियान के संचालन में बाधा आ रही है तथा रविवार को चिनूक हेलीकॉप्टर एक भी उड़ान नहीं भर पाया, जबकि एमआई17 हेलीकॉप्टर की तीन उड़ानों से केवल 60 लोगों को ही निकाला जा सका.

5 छोटे हेलीकॉप्टर की मदद से चल रहा बचाव अभियान

सुमन के अनुसार, मौसम के मिजाज को देखते हुए राज्य सरकार ने 5 छोटे हेलीकॉप्टर से हवाई अभियान चलाया.उन्होंने बताया था कि केदारनाथ और गौरीकुंड में तीर्थयात्रियों के अलावा अब केवल तीर्थ पुरोहित, दुकानदार, घोड़ा एवं पालकी संचालक बचे हैं और अगर वे आना चाहेंगे, तो उन्हें भी वहां से बाहर निकाला जाएगा.सुमन के मुताबिक, सोनप्रयाग, शेरसी, चौमासी, चारधाम हेलीपैड और केदारनाथ हेलीपैड पर लोगों के लिए खाने, पानी व ठहरने की व्यवस्था की गई है

बादल फटने के चलते फंस गए थे श्रद्धालु

बुधवार रात अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिंचोली, भीमबली, घोड़ापड़ाव और रामबाड़ा सहित कई स्थानों पर मार्ग बह गया था, जबकि अन्य जगहों पर पहाड़ी से भूस्खलन और बड़े-बड़े पत्थर आने से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे जगह-जगह पर श्रद्धालु फंस गए थे.

सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर सेना ने पैदल पुल का किया निर्माण

इस बीच, केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच बह गए मार्ग पर सेना की ओर से पैदल पुल का निर्माण शुरू कर दिया गया है.सेना ने सोनप्रयाग में दिव्यांगों, बीमारों और बुजुर्गों की आवाजाही के लिए एक ट्रॉली भी लगा दी है.

तलाश अभियान में खोजी कुत्तों की ली जा रही मदद

तलाश एवं बचाव अभियान में सेना के दो खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है.लिंचोली से रामबाड़ा तक तलाश अभियान पूरा किया जा चुका है, जिसमें कोई व्यक्ति नहीं मिला.NDRF की टीमें जंगल और मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार तलाश अभियान चला रही हैं.अधिकारियों का मानना है कि कई लोग बारिश के डर से जान बचाने के लिए जंगलों की तरफ बढ़े होंगे और इस दौरान उनके रास्ता भटकने की आशंका के मद्देनजर उनकी खोजबीन के लिए खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है.

बचाव अभियान में सहयोग कर रहे स्थानीय लोग

खोज एवं बचाव अभियान की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय लोगों की भागीदारी की सराहना की है.सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि यही तो देवभूमि की ‘अतिथि देवो भव:’ की संस्कृति है.कई लोगों के नाम का जिक्र करते हुए धामी ने लिखा,”केदारनाथ क्षेत्र में जारी बचाव अभियान में प्रशासन को स्थानीय लोगों का पूर्ण सहयोग मिल रहा है.” उन्होंने लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपके अथक प्रयास से अतिवृष्टि से होने वाले बड़े नुकसान को रोकना संभव हुआ.

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