मुंबई, संजय मल्होत्रा ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 26वें गवर्नर के रूप में बुधवार को कार्यभार संभाल लिया. मल्होत्रा आज सुबह केंद्रीय बैंक के मुख्यालय पहुंचे, जहां आरबीआई के वरिष्ठ कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया. केंद्रीय बैंक ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर मल्होत्रा के कार्यभार संभालने की जानकारी दी और कुछ तस्वीरें भी साझा कीं. मल्होत्रा के कार्यभार संभालते समय डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे, एम राजेश्वर राव और टी रबी शंकर भी मौजूद थे.
मल्होत्रा के सामने दोहरी चुनौती
राजस्थान के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी मल्होत्रा के पास बिजली, वित्त तथा कराधान जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ सार्वजनिक नीति में 3 दशक से अधिक का अनुभव है. वह ऐसे समय में केंद्रीय बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं जब अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि दर और उच्च मुद्रास्फीति की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है. उनके पूर्ववर्ती शक्तिकान्त दास के अनुसार वृद्धि तथा मुद्रास्फीति का संतुलन ‘‘अस्थिर’’ हो गया है.
जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में घटकर सात तिमाहियों में सबसे निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर रही है. वहीं अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
फरवरी में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
विश्लेषकों को उम्मीद है कि RBI फरवरी में होने वाली आगामी नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती करेगा और उनका मानना है कि मल्होत्रा की नियुक्ति से यह संभावना पुख्ता हो गई है. दास ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मानक ब्याज दर को करीब 2 साल से अपरिवर्तित रखा है. सरकार ने आरबीआई को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है.