Wednesday, December 18, 2024
HomeBusinessRatan Tata के सबसे अच्छे दोस्त शांतनु नायडू ने शेयर की भावुक...

Ratan Tata के सबसे अच्छे दोस्त शांतनु नायडू ने शेयर की भावुक पोस्ट, लिखा-‘दोस्ती का खालीपन भरने में….’, कैसे हुई थी दोस्ती ?

मुंबई, दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है.वहीं उनके लंबे समय से सहयोगी रहे और रतन टाटा के सबसे विश्वसनीय माने जाने वाले शांतनु नायडू ने भावुक पोस्ट की और उन्हें अपने जीवन की रोशनी बताया.नायडू को सुबह बाइक पर सवार होकर टाटा के घर से बाहर निकलते और उनके पार्थिव शरीर को ले जा रहे ट्रक के आगे चलते देखा गया.

नायडू ने रतन टाटा के लिए पोस्ट में लिखी ये बात

RNT कार्यालय में महाप्रबंधक नायडू ने तड़के एक पेशेवर नेटवर्किंग साइट पर लिखा, ”इस दोस्ती में जो था .इसने मेरे अंदर अब जो खालीपन ला दिया है, मैं सारा जीवन इसे भरने की कोशिश करूंगा.”नायडू ने एक तस्वीर भी साझा की जिसमें दोनों एक चार्टर्ड विमान में बैठे नजर आ रहे हैं. उन्होंने लिखा, ”दुःख प्यार के लिए चुकाई जाने वाली कीमत है.अलविदा, मेरी जीवन की रोशनी.”

कौन हैं शांतनु नायडू ?

शांतनु नायडू, रतन टाटा से लगभग 55 साल छोटे हैं लेकिन सबसे अच्छे दोस्त माने जाते हैं. दोनों के दोस्त बनने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है. शांतनु के साथ रतन टाटा का पारिवारिक रिश्ता नहीं था बल्कि शांतनु के काम से रतन टाटा बेहद प्रभावित हुए थे और खुद फोन कर बातचीत की थी. इसके बाद से ही दोनों के बीच दोस्ती हुई और दोनों साथ मिलकर काम करने लगे. रिपोर्ट्स की मानें तो शांतनु रतन टाटा को बिजनेस आइडिया और टिप्स देते थे.शांतनु का जन्म 1993 में पुणे महाराष्ट्र में हुआ था। वे एक बिजनेसमैन, इंजीनियर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर समेत लेखक भी हैं.

कैसे हुई शांतनु नायडू और रतन टाटा की दोस्ती ?

शांतनु नायडू और रतन टाटा की दोस्ती साल 2014 में शुरू हुई.यह कुत्तों के प्रति आपसी प्रेम और चिंता ही थी जो रतन टाटा और नायडू को करीब ले आई.नायडू ने एक आवारा कुत्ते की मौत से परेशान होकर एक ‘रिफ्लेक्टिव कॉलर’ बनाया था जिससे वाहन चालक आवारा कुत्तों को जल्दी पहचान सकें.उन्होंने टाटा को इस बारे में पत्र लिखा.टाटा ने इस पर केवल स्वीकृति ही नहीं दी, बल्कि इससे कहीं अधिक किया.नायडू को इस उद्यम के लिए टाटा से निवेश और एक स्थायी बांड प्राप्त हुआ.इसके बाद नायडू अपनी मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए और वापस आने पर उन्हें RNT के कार्यालय में नौकरी मिल गई,जो टाटा संस के चेयरमैन के रूप में उनके कार्यकाल के बाद उद्योगपति का निजी कार्यालय था. टाटा के लिए कई मामलों का प्रबंधन करने की अपनी दैनिक नौकरी के अलावा, नायडू सामाजिक रूप से प्रासंगिक मंच स्थापित करते रहे.उनके उदार बॉस अक्सर इन विचारों का समर्थन करते थे, उनमें से एक था ‘गुडफेलो’ जो 2022 में शुरू की गई वरिष्ठ नागरिकों के लिए सदस्यता-आधारित साहचर्य सेवा है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बावजूद रतन टाटा उस स्टार्टअप को पेश करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इसमें उन्होंने अज्ञात राशि का निवेश किया है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments