कोंकण रेलवे जोन में एक ट्रैकमैन की सूझबूझ से बड़ा रेल हादसा टल गया. जहां राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बच गई. ट्रैकमैन ने अपनी जान जोखिम में डालकर सैकड़ों लोगों की जान बचा ली.तकरीबन 500 मीटर दौड़ लगाने के बाद वह ट्रेन को रुकवाने में कामयाब हुए.सुबह 4.30 बजे एक ट्रैकमैन पटरियों की निगरानी में जुटा था.आमतौर पर लोग इस समय पर गहरी नींद में होते हैं.तभी उसकी नजर पटरी के ज्वॉइंट पर गई.उसने देखा की ज्वाइंट पर वेल्डिंग खुली है. इतना देख ट्रैकमैन महादेवा के होश उड़ गए.यह वह समय था जब दिल्ली से चलकर तिरुवनंतपुरम तक जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस तूफानी रफ्तार से वहां से गुजरने वाली थी. ट्रेन को रुकवाने के लिए ट्रैकमैन महादेवा ने तमाम कोशिशें की लेकिन कामयाबी नहीं मिली. तब ट्रैकमैन ने ट्रैक पर दौड़ना शुरू कर दिया और करीब आधा किमी दौड़ने के बाद राजधानी एक्सप्रेस को रुकवा दिया.
कुमटा और होन्नावर रेलवे लाइन के बीच की घटना
यह घटना कोंकण रेलवे के कुमटा और होन्नावर रेलवे लाइन के बीच की है. ट्रैकमैन महादेवा हर दिन की तरह पटरियों की निगरानी कर रहे थे. तभी अल सुबह उन्होंने देखा कि पटरी के ज्वाइंट की वेल्डिंग खुली है.जिसके चलते बड़ा हादसा हो सकता था. क्यों कि थोड़ी देर बाद इस ट्रैक से राजधानी एक्सप्रेस को गुजरना था. लिहाजा ट्रैकमैन महादेवा ने ट्रेन को रुकवाने के लिए कुमटा रेलवे स्टेशन संपर्क किया लेकिन ट्रेन तब तक स्टेशन क्रॉस कर चुकी थी.लेकिन महादेवा ने हिम्मत नहीं हारी और कोशिशें जारी रखी. फिर उन्होंने सीधे लोको पायलट से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन सफलता नहीं मिली. ऐसे में ट्रैकमैन ने बिना समय गवाएं ट्रैक पर दौड़ना शुरू कर दिया और करीब 5 मिनट में आधा किलोमीटर की दौड़ लगाकर ट्रेन को रुकवा दिया. उन्होंने लोको पायलट को मामले की पूरी जानकारी दी. इसके बाद रेलवे के आला अफसरों को खबर मिली.तब जाकर पटरी को दुरुस्त करवाकर ट्रेन को वहां से रवाना किया गया. इस तरह एक बड़ा हादसा होने से टल गया.
ट्रैकमैन को मिला सम्मान
इस बात की जानकारी जब रेलवे के उच्चाधिकारियों को मिली तो उन्होंने ट्रैकमैन महादेवा को सम्मानित किया. उनकी बहादुरी को देखते हुए कोंकण रेलवे के CMD संतोष झा ने ट्रैकमैन महादेवा को 15000 रुपए दिए.