कोटा (राजस्थान), राजस्थान के कोटा में एक छात्रावास की इमारत में रविवार सुबह भीषण आग लगने से 8 छात्र घायल हो गए.प्रारंभिक जांच के अनुसार आग ‘शॉर्ट सर्किट’ के कारण लगी.कोटा शहर की पुलिस अधीक्षक अमृता दुहन ने बताया कि यह घटना कुन्हाड़ी पुलिस थाने क्षेत्र में लैंडमार्क सिटी में सुबह करीब 6.15 बजे हुई.
ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट से आग
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार 5 मंजिला छात्रावास भवन के भूतल में लगे बिजली के ट्रांसफार्मर में ‘शॉर्ट सर्किट’ होने के कारण आग लगी. हालांकि फॉरेंसिक टीम घटना के सही कारण का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
फायर सेफ्टी के नहीं थे इंतजाम
कोटा नगर निगम के दमकल अधिकारी राकेश व्यास ने कहा कि छात्रावास की इमारत में आग से सुरक्षा करने वाले उपाय नहीं किए गए थे और इस बारे में उन्होंने संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं लिया था. व्यास ने कहा कि इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि छात्रावास में ट्रांसफार्मर सीढ़ियों के पास भूतल पर छात्रावास भवन के अंदर लगा हुआ था.
आग से बचने के लिए पहली मंजिल से कूदे 14 लोग
पुलिस ने कहा कि 6 छात्र आग में झुलस गए हैं जिनका महाराव भीम सिंह (एमबीएस) अस्पताल में उपचार जारी है. उन्होंने बताया कि आग से बचने के लिए 14 अन्य लोगों के साथ इमारत की पहली मंजिल से कूदने के बाद एक छात्र के पैर में फ्रैक्चर हो गया, जिसका इलाज एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है.
आग से बचने के लिए छत से कूदे छात्र
छात्रवास में रहने वाले राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) के अभ्यर्थी भविष्य भी इस घटना में घायल हो गया.भविष्य ने बताया कि सुबह करीब 6.15 बजे तेज आवाज से उसकी नींद खुल गई और जब वह अपने कमरे से बाहर आया तो उसने हर तरफ घना धुआं देखा.उसने कहा कि छात्रों ने पहली मंजिल से कूदने का फैसला किया क्योंकि सीढ़ियां धुएं से भरी हुई थीं और इमारत से बाहर निकलने का कोई अन्य रास्ता नहीं था.
सभी छात्रों को बचाया गया
पुलिस अधीक्षक दुहान ने कहा कि इमारत में 75 कमरे थे जिनमें से 61 में लोग रहते थे. उन्होंने बताया कि दमकल की गाड़ियां समय पर मौके पर पहुंच गईं और आग को ऊपर की मंजिलों तक फैलने से पहले ही बुझा दिया.कुन्हाड़ी पुलिस थाने के क्षेत्राधिकारी अरविंद भारद्वाज ने कहा सभी छात्रों को इमारत में लगी आग से बचा लिया गया है.उन्होंने कहा कि छात्रों के माता-पिता से संपर्क किया जा रहा है ताकि उन्हें आश्वस्त किया जा सके कि उनके बच्चे सुरक्षित हैं.
अभिभावकों से संपर्क के लिए बनाया सहायता केंद्र
भारद्वाज ने कहा कि चूंकि अधिकांश छात्र बचाए जाने के दौरान अपने मोबाइल फोन नहीं ला पाए, इसलिए छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक सहायता केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है और मामले की जांच जारी है.