Monday, February 3, 2025
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Anti Converson Bill in Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश, लव जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा, 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान

Rajasthan Budget Session: राजस्थान सरकार ने अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने के मकसद से राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 सोमवार को विधानसभा में पेश किया. इस विधेयक में अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने के मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10 साल तक की कैद और 50,000 रुपये तक के जुर्माने की सजा देने का प्रावधान किया गया है. प्रस्तावित अधिनियम के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होगा.

विधानसभा में पेश हुआ अवैध धर्मांतरण विरोधी विधेयक

स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने अवैध धर्मांतरण विरोधी विधेयक विधानसभा में पेश किया. इसमें गलतबयानी, बल प्रयोग, गलत प्रभाव, उत्पीड़न, प्रलोभन, छल या जबरन शादी के जरिये एक धर्म से दूसरे धर्म में विधि विरुद्ध संपरिवर्तन को अपराध बनाया गया है. विधेयक में कम से कम 1 साल के कारावास, जिसे 5 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और 15,000 रुपये के जुर्माने की सजा देने का प्रावधान किया गया है.

विधेयक में किए गए ये प्रावधान

इसमें नाबालिग या अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) की महिला का अवैध रूप से धर्मांतरण कराने वालों को 2 साल की कैद, जिसे बढ़ाकर 10 साल तक किया जा सकता है और 25,000 रुपये के जुर्माने की सजा देने की व्यवस्था की गई है. विधेयक में सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 3 साल की जेल की सजा देने, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. जो लोग स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं, उन्हें कम से कम 60 दिन पहले जिला अधिकारी को निर्धारित प्रारूप में एक हलफनामा देना होगा.

विधेयक के उद्देश्यों और लक्ष्यों के मुताबिक, भारत का संविधान सभी व्यक्तियों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी प्रदान करता है, जो देश की सामाजिक समरसता को प्रतिबिंबित करती है और धर्मनिरपेक्षता की भावना को बनाए रखने में मदद करती है.

विधेयक में कही गई ये बात

विधेयक में कहा गया है, ”हाल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों को गलतबयानी, बल प्रयोग, गलत प्रभाव, उत्पीड़न, प्रलोभन या छल के जरिये दूसरा धर्म अपनाने के लिए प्रेरित या मजबूर किया गया. देश के विभिन्न राज्यों में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से संबंधित विभिन्न कानून पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन राजस्थान में उक्त विषय पर कोई कानून नहीं था. इसे देखते हुए गैरकानूनी धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने का निर्णय लिया गया.”

बता दें कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में पिछले साल 30 नवंबर को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने संबंधी विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई थी. तब संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकारों को बताया था कि विधेयक आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा.

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
समाचारों की दुनिया में सटीकता और निष्पक्षता के साथ नई कहानियों को प्रस्तुत करने वाला एक समर्पित लेखक। समाज को जागरूक और सूचित रखने के लिए प्रतिबद्ध।
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