जयपुर। अगले माह सितम्बर में टिकट बांटने के लिए कांग्रेस एक्शन मोड में आ गई है। इसके चलते चुनाव समिति के बाद अब स्क्रीनिंग कमेटी ने भी सोमवार से कार्य शुरू कर दिया है। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य अगले चार दिन तक लगातार बैठकें कर उम्मीदवार चयन पर फीडबैक लेंगे। कांग्रेस वॉर रूम में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। इसके बाद वन टू वन फीडबैक में वरिष्ठ नेताओं ने उम्मीदवार चयन के मापदंडों पर खुलकर सुझाव दिए। बैठक में यह सुझाव भी आया कि पिछली बार बड़े अंतर से हारने वाली सीटों पर इस बार उम्मीदवार बदले जाने चाहिए। नेताओं ने पूर्व सांसदों को भी विधानसभा चुनाव लड़ाने का सुझाव दिया है। बैठक में कई नेताओं ने कहा कि बीजेपी पूर्व सांसदों को चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है। कांग्रेस में भी कई पूर्व सांसदों का अच्छा जनाधार है। उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाना चाहिए। इसका फायदा होगा।
अगले महीने से दिल्ली में बैठकों का दौर
स्क्रीनिंग कमेटी की इन बैठकों के बाद कांग्रेस टिकटों की पूरी एक्सरसाइज दिल्ली शिफ्ट हो जाएगी। जयपुर के बाद दिल्ली में बैठकों के कई दौर चलेंगे। इसके बाद टिकट फाइनल होंगे। कांग्रेस पहले फेज में 50 से 60 टिकट घोषित करने की रणनीति में है। कुछ सीटों पर रणनीति के तहत बीजेपी के उम्मीदवारों को देखकर टिकट देने की भी रणनीति है।
संभाग वार नेताओं से मैराथन बैठक
स्क्रीनिंग कमेटी की मंगलवार से जयपुर में संभाग वार नेताओं से बैठकें होंगी। अजमेर, बीकानेर, सीकर और जयपुर संभाग के नेताओं के साथ बैठक रखी गई हैं। वहीं बुधवार को भरतपुर, जोधपुर, कोटा और पाली संभाग में बैठक होंगी। वहीं 31 अगस्त को उदयपुर और बांसवाड़ा संभाग में बैठक की जाएगी।
ईआरसीपी को मुद्दा बनाने का सुझाव
मंत्री महेश जोशी और मुरारीलाल मीणा ने बैठक में कहा कि ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देने को चुनावी मुद्दा बनाया जाए। पूर्वी राजस्थान में 82 सीटें हैं। ईआरसीपी का मुद्दा अगर हमने तरीके से उठाया तो 82 सीटों पर यह गेम पलट सकता है। पूर्वी राजस्थान में नेताओं को इसे लेकर टास्क दिया जाए।
उम्मीदवारों की स्क्रूटनी पर ज्यादा फोकस
प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और वरिष्ठ नेताओं ने स्क्रीनिंग कमेटी को टिकटों के पैनल और अब तक की गई एक्सरसाइज के बारे में जानकारी दी। ब्लॉक और जिला स्तर से आए दावेदारों के पैनल पर चर्चा हुई। इस बार प्रदेश चुनाव समिति अपने स्तर पर उम्मीदवारों की स्क्रूटनी पर ज्यादा फोकस करेगी। इससे स्क्रीनिंग कमेटी का काम आसान हो जाएगा। कमेटी सितंबर के पहले सप्ताह तक पहले फेज में घोषित होने वाले उम्मीदवारों के नाम सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेजने की तैयारी में जुटी है।
स्क्रीनिंग कमेटी तैयार करेगी पैनल
स्क्रीनिंग कमेटी को राजस्थान की सभी 200 सीटों की सर्वे रिपोर्ट सौंप दी गई है। जिलों से आए तीन से पांच उम्मीदवारों के पैनल भी स्क्रीनिंग कमेटी ने मंगवा लिए हैं। कमेटी के अध्यक्ष और मेंबर खुद भी जिले वार प्रमुख नेताओं से चर्चा करके ग्राउंड पर संभावित उम्मीदवारों पर फीडबैक लेंगे। उम्मीदवारों का पैनल फाइनल करने से पहले कमेटी संभागवार बैठकें करने के साथ प्रदेश चुनाव समिति के साथ भी कई दौर की बैठकें करेगी। इन बैठकों में प्रदेश चुनाव समिति के सुझाए उम्मीदवारों को छांटा जाएगा। सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेजे जाने से पहले स्क्रीनिंग कमेटी उम्मीदवारों के पैनल में शामिल नेताओं की सर्वे रिपोर्ट और ग्राउंड रियलिटी को भी देखेगी।
चार दिन तक टिकटों पर वन टू वन चर्चा
स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गोरव गोगोई, मेंबर गणेश गोडियाल और अभिषेक दत्त 31 अगस्त तक रोज संभाग वार नेताओं की बैठकें करेंगे। कमेटी की सोमवार को प्रदेश चुनाव समिति के नेताओं के साथ अस्पताल रोड स्थित कांग्रेस वॉर रूम में लंबी चर्चा हुई। स्क्रीनिंग कमेटी अध्यक्ष का यह पहला राजस्थान दौरा है।
गहलोत कैबिनेट की बैठक आज
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कैबिनेट की बैठक मंगलवार शाम अपने आवास पर बुलाई है। इस बैठक में अन्य एजेंडों के साथ ही विधानसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा होगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य कांग्रेसी नेता भी इस बैठक में शामिल होंगे। पहले यह बैठक कोटा में होना प्रस्तावित थी, लेकिन बाद में इसे जयपुर में ही करने का निर्णय लिया गया। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में शाम 6 बजे कैबिनेट और शाम 7 बजे मंत्रिपरिषद की बैठक होगी। मंत्रिमंडल सचिवालय ने सभी मंत्रियों को जयपुर में ही मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। बैठक का एजेंडा जारी नहीं किया गया है लेकिन बताया जा रहा है कि 6 विभागों के 10 से ज्यादा प्रस्तावों पर कैबिनेट मुहर लगा सकती है।