Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एकबार फिर से प्रदेश में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करने के फैसले को सही ठहराया है। राज्य सरकार ने जनवरी 2025 में 3741 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करने या अन्य स्कूलों में मर्ज करने के बारे में समीक्षा शुरू की थी। लेकिन शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने साफ किया है कि यह बड़ा फैसला काफी सोच समझकर किया गया है।
सीकर में मीडिया से बातचीत के दौरान मदन दिलावर ने कहा है कि कई स्कूलों में एक भी छात्र नहीं आ रहे है और इसी वजह से सरकार के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। मदन दिलावर ने कहा, जब बच्चे ही नहीं आएंगे तो सरकार क्या करेगी? हमारे 386 प्राथमिक विद्यालय ऐसे थे जिनमें एक भी बच्चा नहीं था। लेकिन उन्हें भी हमने बंद नहीं किया बल्कि अन्य स्कूलों के साथ मर्ज किया। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि इन विद्यालयों की संपत्ति बर्बाद नहीं हो और दूसरा विद्यालय उनका रखरखाव कर सके।”
1100 स्कूलों में एक भी आवेदन नहीं हुआ
प्रदेश में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को लेकर चिंता गहराती जा रही है। हाल ही में सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के करीब 1100 इंग्लिश मीडियम स्कूलों में इस शैक्षणिक सत्र के लिए एक भी छात्र ने आवेदन नहीं किया है। स्थिति इतनी गंभीर है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश स्कूलों में 90% सीटें अब भी खाली पड़ी हैं। राज्यभर में संचालित 3737 इंग्लिश मीडियम स्कूलों में लगभग साढ़े 5 लाख सीटें खाली हैं।
इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस का रवैया हमेशा विरोध का रहा है। वह किसी भी अच्छे काम का समर्थन नहीं करती। उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध किया, और यहां तक कि सर्जिकल स्ट्राइक पर भी सवाल उठाए।”
विपक्ष में रहते हुए भी उठाए थे सवाल
राजस्थान सरकार ने इस वर्ष जनवरी में सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए एक कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा कर रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और खाद्य मंत्री सुमित गोदारा इसके सदस्य बनाए गए हैं। कमेटी का उद्देश्य राज्य में संचालित इंग्लिश मीडियम स्कूलों की कार्यप्रणाली, नामांकन दर और शिक्षण गुणवत्ता की समीक्षा कर सरकार को सुझाव देना है। गौरतलब है कि बीजेपी ने विपक्ष में रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार द्वारा खोले गए इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर सवाल उठाए थे। उस समय पार्टी का आरोप था कि कई हिंदी मीडियम स्कूलों को बिना समुचित तैयारी के इंग्लिश मीडियम में बदल दिया गया, जिससे छात्रों और शिक्षकों दोनों को पढ़ाई-लिखाई में गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ा।