भरतपुर। प्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोपों के तीर छोड़ने में कोई संकोच नहीं कर रहे हैं। भरतपुर की चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाने पर लिया। इस बार उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और बिजनेसमैन अडानी को भी लपेटे में लिया। राहुल गांधी ने तीनों को जेबकतरे बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उद्योगपति गौतम अडानी देश में जनता को लूटने के लिए मिलकर काम करते हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जेबकतरा यानी पॉकेटमार कभी अकेला नहीं आता। तीन लोग होते हैं। एक सामने से आता है, एक पीछे से और एक दूर से देखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम आपका ध्यान भटकाना है। वे सामने से टीवी पर आते हैं और हिंदू-मुस्लिम, नोटबंदी और जीएसटी के विषय उठाकर जनता का ध्यान भटकाते हैं। इसी बीच अडानी पीछे से आते हैं और पैसे ले जाते हैं। अमित शाह तीसरे व्यक्ति हैं और उनकी भूमिका निगरानी करना है। वह सुनिश्चित करते हैं कि किसी को भी पता न चले कि क्या हो रहा है।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार में सचिव स्तर के पदों की नियुक्ति में पिछड़ी जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की कम भागीदारी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि किसी भी बच्चे से पूछें कि वह बड़े होकर क्या बनना चाहता है तो वह बच्चा कहेगा कि वह आईएएस अधिकारी बनना चाहता है। केंद्र सरकार वहां तैनात सचिवों के जरिए ही चलाई जाती है। जब हमने पूछा कि कितने अधिकारी पिछड़े वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हैं, तो उन्होंने चुप रहने का विकल्प चुना।
पनौती वाली टिप्पणी : राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘पनौती’ जैसी टिप्पणी किए जाने के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। भाजपा ने चुनाव आयोग से राहुल की ओर से पीएम मोदी के खिलाफ ‘जेबकतरे’ और ‘पनौती’ जैसी टिप्पणी के लिए शिकायत की। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल ने मंगलवार को राजस्थान में चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ ‘अपमानजनक’ शब्दों का इस्तेमाल किया था।
चुनाव आयोग को भेजी चिट्ठी में भाजपा ने लिखा कि प्रधानमंत्री की तुलना एक जेबकतरा और पनौती से करना, एक वरिष्ठ नेता के लिए बहुत ही अशोभनीय है और यह राजनीतिक चर्चा के गिरते स्तर का एक लक्षण है। पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को कहा गया कि किसी भी व्यक्ति को ऐसे उदाहरण देने के लिए जेबकतरा कहना न सिर्फ क्रूर बर्ताव और निजी हमला है, बल्कि उस व्यक्ति का चरित्र हनन भी है…. जिसके खिलाफ उसकी प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने और जनता को स्पष्ट रूप से गुमराह करने के इरादे से ऐसी टिप्पणी की गई।