Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि ऐसे समय मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन का निर्णय आधी रात को लेना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लिए गरिमा के प्रतिकूल है, जब चयन समिति की संरचना और प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है.
ज्ञानेश कुमार को नियुक्त किया गया CEC
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम को आयोजित चयन समिति की बैठक के बाद ज्ञानेश कुमार को भारत के नए सीईसी के रूप में नियुक्त किया गया. इस समिति में गृह मंत्री और राहुल गांधी भी शामिल हैं.
राहुल गांधी ने सौंपा असहमति पत्र
राहुल गांधी ने अपने असहमति नोट की प्रति साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, ‘अगले मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करने के लिए हुई समिति की बैठक के दौरान मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को एक असहमति नोट प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया था कि कार्यपालिका के हस्तक्षेप से मुक्त एक स्वतंत्र चुनाव आयोग का सबसे बुनियादी पहलू चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया है.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके और भारत के प्रधान न्यायाधीश को समिति से हटाकर, मोदी सरकार ने चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी को लेकर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है. नेता प्रतिपक्ष के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब आंबेडकर और हमारे राष्ट्र निर्माता नेताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जिम्मेदार ठहराऊं. उन्होंने आरोप लगाया कि जब समिति की संरचना और प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है. ऐसे में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आधी रात में चुनाव आयुक्त के चयन पर फैसला लेना अनुचित है.