नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को ‘वोट चोरी’ को ‘‘सबसे बड़ा राष्ट्र विरोधी कृत्य’’ करार दिया और आरोप लगाया कि सत्तापक्ष में बैठे लोग इस कृत्य को अंजाम दे रहे हैं तथा ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ (भारत की अवधारणा) नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निर्वाचन आयोग तथा दूसरी संस्थाओं पर कब्जा करने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव से एक महीने पहले सभी राजनीतिक दलों को मशीन से पढ़ने योग्य मतदाता सूची उपलब्ध कराई, मतदान के समय की सीसीटीवी फुटेज दी जाए तथा ईवीएम संरचना के बारे में जानकारी दी जाए। उनका कहना था कि वर्ष 2023 के उस कानून को बदलिए जो निर्वाचन आयुक्तों को ‘‘यह ताकत देता है कि वो जो चाहें वो करें।’’
मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा-शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के तहत तीन सदस्यीय चयन समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं। राहुल गांधी ने कहा, हम सिर्फ सबसे बड़े लोकतंत्र नहीं हैं, बल्कि हम सबसे महान लोकतंत्र भी हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि कि इस महान देश को नष्ट किया जा रहा है और सब जानते हैं कि यह हो रहा है।
I put my protest here that am not allowed to speak. I have done nothing wrong.
— Shantanu (@shaandelhite) December 9, 2025
— Rahul Gandhi Ji on Loksabha speaker allowing disturbances during his speech by the BJP pic.twitter.com/mPnspwcWSc
राहुल गांधी ने हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में हेराफेरी का आरोप दोहराते हुए कहा, ‘‘सबसे बड़ा राष्ट्र विरोधी काम वोट चोरी है। इससे बड़ा राष्ट्र विरोधी काम कुछ नहीं है। जब आप वोट खत्म करते हैं तो देश के तानेबाने को नष्ट करते हैं, आप आधुनिक भारत को नष्ट करते हैं और भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) को नष्ट करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग यह राष्ट्र विरोधी कृत्य कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के ‘प्रोजेक्ट’ के तहत विभिन्न संस्थाओं और निर्वाचन आयोग पर कब्जा किया गया। उन्होंने कहा, 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी जी की छाती में तीन गोलियां लगीं…लेकिन प्रोजेक्ट यहीं ख़त्म नहीं हुआ। सब कुछ, सारी संस्थाएं वोट से आकार लेती हैं, तो जाहिर है कि आरएसएस को वोट से निकली सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा करना था। कांग्रेस नेता ने कहा कि गांधीजी की हत्या के बाद इस ‘प्रोजेक्ट’ का अगला कदम भारत के संस्थागत ढांचे पर पूर्ण कब्ज़ा करना था। उन्होंने दावा किया कि विश्वविद्यालयों, जांच एजेंसियों और निर्वाचन आयोग पर कब्जा कर लिया गया है।




