IND vs PAK Asia Cup 2025 : दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले एशिया कप सुपर 4 के मैच की जिम्मेदारी फिर अपने एलीट पैनल के मैच रैफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को सौंपी है जबकि पीसीबी ने बार बार उन्हें हटाने का अनुरोध किया था। टूर्नामेंट के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘एंडी पाइक्रॉफ्ट भारत और पाकिस्तान के मुकाबले के लिए मैच रैफरी हैं। ’’ रविवार के मैच के लिए मैच अधिकारियों की सूची अब भी सार्वजनिक नहीं की गई है। टूर्नामेंट में दूसरे मैच रैफरी वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान रिची रिचर्डसन हैं।
भारतीय टीम ने पिछले रविवार को नीतिगत फैसले के अंतर्गत पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाया था और इस मुकाबले में पाइक्रॉफ्ट मैच रैफरी थे। लेकिन पाइक्रॉफ्ट उस समय विवाद के केंद्र में आ गए जब भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस के समय परंपरा का पालन नहीं किया। पाकिस्तानी टीम ने इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को दो ईमेल लिखे थे जिसमें से पहले में पाइक्रॉफ्ट को टूर्नामेंट से हटाने का अनुरोध किया और दूसरे ईमेल में उन्हें अपनी टीम के मैचों से हटाने का अनुरोध किया। आईसीसी अपने एलीट पैनल रैफरी के साथ मजबूती से खड़ा रहा और उसने पीसीबी की दोनों ही मांगों को एक सिरे से खारिज कर दिया।
आईसीसी ने पीसीबी के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि पाइक्रॉफ्ट ने खेल भावना का उल्लंघन किया है। आईसीसी ने कहा कि वह केवल एक संदेशवाहक थे जिन्होंने एशियाई क्रिकेट परिषद के नामित स्थल प्रबंधक से मिले संदेश को आगे बढ़ाया। पाइक्रॉफ्ट केवल संदेश आगे बढ़ा सकते थे क्योंकि मैच शुरू होने में कुछ ही मिनट बचे थे। बाद में आईसीसी ने पाइक्रॉफ्ट और पाकिस्तानी टीम प्रबंधन के बीच एक बैठक आयोजित की जहां रैफरी ने कहा कि उन्हें गलत सूचना के लिए खेद है।
इसके बाद आईसीसी ने एक अन्य ईमेल में स्पष्ट किया कि पाइक्रॉफ्ट ने कभी भी माफी नहीं मांगी थी बल्कि केवल गलतफहमी पर खेद व्यक्त किया था। आईसीसी ने पीसीबी पर खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों के क्षेत्र (पीएमओए) से संबंधित प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया। हालांकि पीसीबी ने इसका खंडन किया। इस घटना के बाद भी पाइक्रॉफ्ट को भारत और पाकिस्तान के बीच एक और मैच के लिए नियुक्त करना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वैश्विक संस्था अपने रुख से पीछे हटना नहीं चाहती क्योंकि जिम्बाब्वे के पूर्व टेस्ट बल्लेबाज को हटाने से एक गलत मिसाल कायम होती।