जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण के लिए नई पीढ़ी में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता लाए जाने पर बल दिया है. उन्होंने कहा कि बाघ संरक्षण के लिए जन-चेतना कार्यक्रम चला कर सतत प्रयत्न किए जाने की आवश्यकता है गुरुवार को होटल क्लार्क्स आमेर में जयपुर टाइगर फेस्टिवल के पुरस्कार वितरण समारोह में सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज विश्व के 75 प्रतिशत बाघों की संख्या अकेले हमारे देश में हैं. उन्होंने बाघों की बढ़ती संख्या के साथ-साथ उनके संरक्षण के लिए भी सभी स्तरों पर समुचित कार्य किए जाने पर बल दिया.
राज्यपाल ने बाघों के संरक्षण के साथ वन प्रबंधन में और बेहतर कार्य करते हुए राजस्थान को इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि बाघों का होना पारिस्थितिकी संतुलन और जैव विविधता संरक्षण के लिए जरूरी है. उन्होंने बाघों सहित अन्य वन्य जीवों के संकुचित हो रहे प्राकृतिक आवासों पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि बढ़ती आबादी के दबाव में वन कॉन्क्रिट के जंगलों में तब्दील नहीं हों, इस पर सभी स्तरों पर चिंतन करने की जरूरत है. उन्होने कहा कि बाघ क्षेत्रों में पर्यटन का विकास इस तरह से होना चाहिए कि वन्य जीवों को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचे. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता वाइल्डलाइफ फिल्म निर्माता एस. नल्लामुत्थु द्वारा बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए तैयार टाइगर एन्थम भी कार्यक्रम में स्क्रीन पर प्रस्तुत किया गया. नल्लामुत्थु एवं वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर सितारा कार्तिकेयन की जूरी द्वारा पुरस्कृत फोटोग्राफ का चयन किया गया
कार्यक्रम में राजस्थान आवासन मण्डल आयुक्त पवन अरोड़ा, समाजसेवी डॉ. एस. एस. अग्रवाल, राजस्थान हेरिटेज आर्ट एंड कल्चर फाउंडेशन के ट्रस्टी आनन्द अग्रवाल, जयपुर टाइगर फेस्टिवल के संस्थापक संरक्षक धीरेन्द्र गोधा सहित गणमान्यजन उपस्थित रहे।