Parliament Winter Session: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’(MNREGA) के स्थान पर दूसरा विधेयक लाए जाने को लेकर मंगलवार को मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा और कहा कि योजनाओं के नाम बदलने की सनक समझ नहीं आती. प्रियंका गांधी ने कहा कि मनरेगा के स्थान पर लाया गया ‘विकसित भारत जी राम जी’ विधयेक गलत लगता है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.
नाम बदलने की सनक मुझे समझ नहीं आती: प्रियंका गांधी
केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में पत्रकारों से कहा, ‘योजनाओं के नाम बदलने की सनक मुझे समझ नहीं आती. योजनाओं की नाम बदलने की प्रक्रिया में बहुत पैसा खर्च होता है. उन्होंने कहा कि मनरेगा में गरीब लोगों को 100 दिन के रोज़गार का अधिकार दिया गया था, लेकिन नया विधेयक मनरेगा के इस अधिकार को कमज़ोर करेगा.
#WATCH | दिल्ली: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने विकसित भारत – रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन विधेयक 2025 पर कहा, "मुझे नाम बदलने की यह सनक समझ नहीं आती; इसमें खर्चा बहुत होता है इसलिए मुझे समझ नहीं आता कि वे बेवजह ऐसा क्यों कर रहे हैं। MGNREGA ने गरीब लोगों को 100 दिन के… pic.twitter.com/f0gBr4XAL9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 16, 2025
‘नए विधेयक में ग्राम पंचायतों के अधिकार को ख़त्म कर दिया है’
कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘सरकार ने इस बिल में 2-3 ऐसी चीज़ें जोड़ी हैं, जिससे बाहरी तौर पर समझ आता है कि काम के दिन बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन मज़दूरी नहीं बढ़ाई है.’ उन्होंने कहा कि मनरेगा का बजट हर साल घटाया जाता रहा है. पहले ग्राम पंचायत तय करती थी कि MGNREGA का काम कहां और किस तरह का होगा, लेकिन यह बिल कहता है कि केंद्र सरकार तय करेगी कि फंड कहां और कब देना है, इसलिए ग्राम पंचायत का अधिकार छीना जा रहा है. हमें यह बिल हर तरह से गलत लगता है.
इसलिए ये विधेयक गलत लगता है. इसे वापस लिया जाना चाहिए.’
बता दें कि सरकार मनरेगा को निरस्त करने और एक नया कानून बनाने के लिए लोकसभा में विधेयक ला सकती है. नए विधेयक का नाम ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ (विकसित भारत- जी राम जी) विधेयक, 2025’ होगा. विधेयक की प्रतियां लोकसभा सदस्यों को बांटी गई हैं.
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