नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मंगलवार को सुबह लाल किले पहुंचे, जहां उन्होंने लगातार 10वीं बार इस ऐतिहासिक प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी गई। इससे पहले, लाल किला पहुंचने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। लाल किला पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने सलामी गारद का निरीक्षण किया। इसके बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने उनका स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने जैसे ही राष्ट्रीय ध्वज फहराया, भारतीय वायु सेना के दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर मार्क-III ध्रुव ने कार्यक्रम स्थल पर पुष्प वर्षा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में पिछले कुछ से जारी हिंसा का उल्लेख करते हुए मंगलवार को कहा कि वहां मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ है। उन्होंने मणिपुर के लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ है और शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। लाल किले की प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा पूर्वोत्तर में और हिंदुस्तान के भी कुछ अन्य भागों में, लेकिन विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला। कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा। मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वहां से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं।
उन्होंने कहा पूरा देश मणिपुर के लोगों के साथ है। मणिपुर के लोगों ने पिछले कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उस शांति के पर्व को बनाएं रखें। प्रधानमंत्री ने कहा शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य व केंद्र की सरकारें मिलकर वहां समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही हैं और आगे भी करती रहेंगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में मंगलवार को देशवासियों को बार-बार परिवारजन कहकर संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी और उनसे पहले के प्रधानमंत्री भी अब तक लाल किले से जनता को आम तौर पर मेरे प्रिय देशवासियों कह कर संबोधित करते रहे हैं। इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कई बार मेरे प्यारे परिवारजनों और मेरे प्रिय परिवारजनों कहा। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा इतना बड़ा देश, 140 करोड़ मेरे भाई-बहन, मेरे परिवारजन… आज आजादी का पर्व मना रहे हैं। मैं देश के कोटि-कोटि जनों को, देश और दुनिया में भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले कोटि-कोटि जनों को इस महान पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। प्रधानमंत्री ने परिवारजन के साथ ही देशवासियों शब्द का भी उपयोग किया। PM ने कहा आगामी 5 वर्षों को भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में सबसे बड़ा स्वर्णिम पल करार दिया और देशवासियों का आह्वान किया कि वे इस अवसर को न गंवाएं क्योंकि इस कालखंड में उठाए गए कदम आने वाले एक हजार साल के इतिहास का निर्माण करेंगे।
लाल किले की प्राचीर से करीब 90 मिनट के राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मोदी ने जहां प्रधानमंत्री के रूप में अपने दो कार्यकालों की उपलब्धियां गिनाईं वहीं भारत के बढ़ते वैश्विक कद का भी उल्लेख किया।
उन्होंने महिलाओं व समाज के गरीब एवं वंचित तबकों पर केंद्रित योजनाओं पर बल दिया और भावी एजेंडा पेश करते हुए युवाओं को संदेश दिया कि देश उन्हें हर प्रकार के अवसर उपलब्ध कराने को तैयार है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जिस परियोजना का शिलान्यास करती है, उसका उद्घाटन भी वही करती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भरसक प्रयास किये और जनता के इस बोझ को कम से कम करने के लिए आने वाले दिनों में भी प्रयास जारी रहेगा। देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया महंगाई के संकट से जूझ रही है और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को महंगाई ने दबोच कर रखा है। उन्होंने कहा हम भी दुनिया से, जिन सामानों की जरूरत होती है, लाते हैं। हम सामान तो आयात करते हैं, साथ ही महंगाई भी आयात करते हैं। पूरी दुनिया को महंगाई ने जकड़ कर रखा है। मोदी ने कहा भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए हैं। पिछले कालखंड की तुलना में हमें कुछ सफलता भी मिली है। लेकिन इतने से संतोष नहीं….। दुनिया से हमारी चीजें अच्छी हैं, बस यही सोचकर हम नहीं रह सकते। मुझे तो, मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में और भी कदम उठाने हैं। हम उन कदमों को उठाते रहेंगे, मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर मध्यम वर्ग के लोगों के लिए कम ब्याज पर आवास खरीदने की सुविधा प्रदान करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा मध्यम वर्ग के लिए एक योजना लेकर आ रहे हैं। जो शहरों में रहते हैं लेकिन किराए के मकान में रहते हैं। झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं, अनधिकृत कॉलोनियों में रहते हैं। ऐसे परिवारजन अगर अपना मकान बनाना चाहते हैं तो बैंक से जो कर्ज मिलेगा, उसके ब्याज में राहत देकर हमने लाखों रुपये की मदद करने का निर्णय किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के लक्ष्य को लेकर काम कर रही है। उन्होंने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि जन औषधि केंद्रों ने लोगों, विशेषकर मध्यम वर्ग को नई शक्ति दी है। प्रधानमंत्री ने कहा अगर किसी को मधुमेह हो जाता है, तो उसे करीब 3,000 रुपये मासिक खर्च करना पड़ता है। जिन दवाओं की कीमत 100 रुपये है, जन औषधि केंद्रों के माध्यम से हम उन्हें 10 से 15 रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकार की योजना जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की है। सभी के लिए सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण को लोकतंत्र की तीन ऐसी विकृतियां करार दिया, जिनसे देश और समाज का बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इन तीनों बीमारियों के खिलाफ उनकी जंग जारी रहेगी। लाल किले की प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने की राह में अगर कुछ रुकावटें हैं तो ये विकृतियां ही हैं। उन्होंने कहा पिछले 75 सालों में कुछ विकृतियां ऐसे घर कर गई हैं, हमारी सामाजिक व्यवस्था का ऐसा हिस्सा बन गई हैं। कभी-कभी तो हम आंख भी बंद कर लेते हैं। लेकिन अब आंखें बंद करने का समय नहीं है। संकल्पों को सिद्ध करना है तो हमें आंख-मिचौली खत्म करके, आंख में आंख डालकर तीन बुराइयों से लड़ना है। यह समय की बहुत बड़ी मांग है। मोदी ने कहा कि हमारे देश की सभी समस्याओं की जड़ में भ्रष्टाचार है, जिसने दीमक की तरह देश की सारी व्यवस्थाओं को, देश के सामर्थ्य को पूरी तरह नोच लिया है। उन्होंने कहा भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए लड़ाई जारी रहेगी। यह मोदी के जीवन की प्रतिबद्धता है। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। राजनीति में परिवारवाद का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने देश को लूट लिया है और तबाह किया है। उन्होंने कहा इसने जिस प्रकार से देश को जकड़ कर रखा है, उसने देश के लोगों का हक छीना है।
तुष्टीकरण को तीसरी बुराई करार देते हुए मोदी ने कहा कि इसने देश के मूलभूत चिंतन और सर्वसमावेशी राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगाया है और उसे तहस-नहस कर दिया है। बगैर किसी राजनीतिक दल का नाम लिए उन्होंने कहा इन लोगों ने देश का बहुत नुकसान किया है। इन तीनों बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है। भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण देश के लोगों की आकांक्षाओं का दमन करते हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब हों, दलित हों, पिछड़े हों, पसमांदा हों या फिर आदिवासी भाई-बहन, इनके हक के लिए तीनों बुराइयों से मुक्ति पानी है। उन्होंने कहा हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना है। जैसे हमें गंदगी पसंद नहीं है तो हम उससे नफरत करते हैं। सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से बड़ी गंदगी नहीं हो सकती है। इसलिए हमारे स्वच्छता अभियान को एक नया मोड़ देते हुए भ्रष्टाचार से मुक्ति पाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सालों में सरकार ने भ्रष्टाचारियों की जो संपत्ति जब्त की है वह पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा आपकी कमाई का यह पैसा लोग लेकर भागे थे। 20 गुना ज्यादा संपत्ति को ज़ब्त करने का काम किया है हमने। इसलिए ऐसे लोगों की मेरे प्रति नाराजगी होना स्वाभाविक है। लेकिन मुझे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाना है। मोदी ने कहा कि ये तीनों विकृतियां भारत के लोकतंत्र को कभी मजबूती नहीं दे सकतीं। उन्होंने कहा यह बीमारी है। परिवारवादी पार्टियों का मंत्र है परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए। परिवारवाद और भाई भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं। परिवारवाद से मुक्ति इस देश के लोकतंत्र के लिए जरूरी है। सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय यानी हर किसी को उसका हक मिले। इसलिए सामाजिक न्याय के लिए भी यह बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और परिवारवाद को विकास का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा अगर देश विकास चाहता है, अगर देश 2047 में विकसित भारत का सपना साकार करना चाहता है, तो हमारे लिए आवश्यक है कि हम किसी भी हालत में देश में इन्हें सहन नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों और उनके योगदान की भी सराहना की और कहा कि जी-20 समूह ने महिलाओं के नेतृत्व में विकास के भारत के दृष्टिकोण को स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों की संख्या 10 करोड़ है। उन्होंने कहा जब आप किसी गांव में जाते हैं, तो आपको बैंक वाली दीदी, आंगनवाड़ी दीदी और दवाई वाली दीदी मिलेंगी। गांवों में दो करोड़ लखपति दीदी बनाना मेरा सपना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के मकसद से कृषि-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक नयी नीति की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा हम उन्हें ड्रोन के संचालन और मरम्मत का प्रशिक्षण देंगे। कई स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान किए जाएंगे। इन कृषि ड्रोनों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है। यह पहल 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ड्रोन उड़ाने से शुरू होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब देखने में आ रहा है कि पुरुषों से ज्यादा महिलाएं स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 ने भी महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के भारतीय दृष्टिकोण को स्वीकार किया है। मोदी ने कहा यह सुनिश्चित करना हर किसी की जिम्मेदारी है कि हमारी बेटियों के साथ कोई अत्याचार न हो।