Wednesday, July 3, 2024
Homeताजा खबरराष्ट्रपति का बिहार दौरा, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह...

राष्ट्रपति का बिहार दौरा, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह को किया संबोधन…

बिहार। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि एक सदी पहले महात्मा गांधी द्वारा पेश की गई सामाजिक समानता और एकता की दृष्टि देश के आधुनिक और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अब भी प्रासंगिक है। मुर्मू ने बिहार के पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में यह टिप्पणी की। राष्ट्रपति ने 15 मिनट से भी कम समय के अपने भाषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चंपारण सत्याग्रह को समर्पित किया जिसमें गांधी ने क्षेत्र में नील बागान मालिकों के प्रतिरोध का नेतृत्व किया था।

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य लोगों की मौजूदगी में मुर्मू ने कहा चंपारण सत्याग्रह के दौरान लोगों ने खासकर खानपान के संबंध में जातिगत बाधाओं को त्याग दिया। उन्होंने साथ मिलकर खाना पकाया और खाया। 106 साल पहले गांधी ने जिस सामाजिक समानता और एकता की प्रेरणा दी थी उसने शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य को झुकने के लिए मजबूर कर दिया। सामाजिक समानता और एकता का दृष्टिकोण आज भी प्रासंगिक बना हुआ है। आधुनिक समय में इसे उस नींव के रूप में अपनाया जाना चाहिए जिस पर हम एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को साकार कर सकेंगे। गांधी जनजातियों पर केंद्रित शैक्षणिक कार्यों को प्रोत्साहित करते थे।

मुर्मू ने भारत-नेपाल सीमा के साथ तराई क्षेत्र में रहने वाले थारू जनजाति के सदस्यों पर अध्ययन को प्रोत्साहित करने के लिए इस केंद्रीय विश्वविद्यालय की सराहना भी की। उन्होंने सम्राट अशोक के कई स्तंभ शिलालेखों का गढ रहे चंपारण के समृद्ध इतिहास को भी श्रद्धांजलि अर्पित की । उन्होंने कहा दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आने वाले सभी आगंतुक रामपुरवा बुल कैपिटल को ध्यान से देखते हैं, जो पश्चिम चंपारण जिले में पाया गया था और जिसे दरबार हॉल के प्रवेश द्वार पर स्थापित किया गया है।

राष्ट्रपति ने पास में स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व और क्षेत्र में उगाई जाने वाली प्रसिद्ध लीची का भी उल्लेख किया जो दूर-दराज के देशों में निर्यात की जाती है। उन्होंने कहा मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में शीर्ष रैंक पाने वालों में छात्राओं की संख्या करीब 60 प्रतिशत है। जब मैं लड़कियों को आत्मविश्वास के साथ पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हुई पाती हूं तो मुझे देश का उज्ज्वल भविष्य दिखाई देता है। गांधी भी बालिका शिक्षा के एक महान समर्थक थे।

Mamta Berwa
Mamta Berwa
JOURNALIST
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments