Friday, September 26, 2025
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Sonam Wangchuk Arrested : लेह में पुलिस ने सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया, विदेशी फंडिंग सहित कई बड़े आरोप

Sonam Wangchuk Arrested : लेह। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को यहां एक पुलिस दल ने गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर आंदोलन के समर्थकों द्वारा किये गए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दो दिन बाद यह गिरफ्तारी हुई है। इस प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 अन्य घायल हो गए थे।

पुलिस ने सोनम वांगचुक को गिरफ्तार

अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस डी सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस दल ने अपराह्न 2.30 बजे वांगचुक को हिरासत में लिया। वांगचुक पर लगाए गये आरोपों के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा का कारण बने उकसावे के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है।

वांगचुक ‘लेह एपेक्स बॉडी’ (एलएबी) के वरिष्ठ सदस्य हैं। एलएबी, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ मिलकर पिछले पांच सालों से इन मांगों के समर्थन में आंदोलन चला रहा है। हालांकि, मांगों के समर्थन में भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे वांगचुक ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने हिंसा की निंदा की और हिंसा के बाद, दो हफ्ते से चल रहा अपना अनशन भी समाप्त कर दिया था।

मेरे खिलाफ डेढ़ महीने से चल रही कार्रवाई: वांगचुक

वांगचुक ने आरोप लगाया कि मेरे खिलाफ बीते डेढ़ महीन से कार्रवाई चल रही है। इतना ही उन्होंने बताया कि मुझे डेढ़ महीने पहले की बताया गया था कि मेरे खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज होगा। मुझे नोटिस भी मिला था की मेरे स्कूल की जमीन को वापस ले लिया जाएगा. मुझे सीबीआई जांच के बारे में एक नोटिस मिला था जिसमें कहा गया था कि आपके संगठन को विदेशी धन प्राप्त हुआ, जबकि उसके पास FCRA नहीं था। हमें एफसीआरए नहीं मिला क्योंकि हमें विदेश से धन नहीं चाहिए।

विदेशी फंडिंग के आरोपों से किया इनकार

जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक ने विदेशी फंडिंग लेने के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफ़गानिस्तान ले जाना चाहती थी, और इसके लिए उन्होंने हमें शुल्क दिया। हमें अपने कृत्रिम ग्लेशियरों के बारे में जानकारी देने के लिए स्विट्जरलैंड और इटली के संगठनों से भी कर सहित शुल्क मिला. हमनें जानकारी दी जिसके बदले हमें नॉलेज फीस मिली. इस विदेशी फंडिंग कहना सही नहीं है।

Mukesh Kumar
Mukesh Kumarhttps://jagoindiajago.news/
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