नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22-23 अक्टूबर को रूस के दौरे पर रहेंगे.बता दें कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की 16वीं बैठक रूस के कजान में आयोजित की जाएगी.
विदेश मंत्रालय ने बयान में कही ये बात
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी रूस की अपनी यात्रा के दौरान ब्रिक्स के सदस्य देशों के अपने समकक्षों और कजान में आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं. ब्रिक्स के इस साल के शिखर सम्मेलन का विषय ‘‘वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’’है.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह सम्मेलन नेताओं को दुनिया के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा.इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स द्वारा शुरू की गई पहलों की प्रगति का आकलन किया जाएगा तथा यह भविष्य में सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने के वास्ते एक मूल्यवान अवसर भी प्रदान करेगा.”
ब्रिक्स के ये हैं सदस्य देश
इस साल ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता रूस कर रहा है. ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.सऊदी अरब, ईरान, इथियोपिया, मिस्र, अर्जेंटीना और संयुक्त अरब अमीरात इसके नए सदस्य हैं.
शी जिनपिंग से हो सकती मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी रूस की अपनी यात्रा के दौरान ब्रिक्स के सदस्य देशों के अपने समकक्षों और आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं. ब्रिक्स समिट में पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात कर सकते हैं.
क्यों खास है इस बार ब्रिक्स सम्मेलन
रुस में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन को काफी अहम माना जा रहा है. रुस हमेशा से ब्रिक्स करेंसी की बात करता रहा है. इसीलिए इस बार माना जा रहा है डॉलर को लेकर अमेरिकी मनमानी पर लगाम लगाने के लिए ब्रिक्स सदस्य देश एक वैकल्पिक करेंसी सामने लेकर आ सकते हैं.