नई दिल्ली। सोमवार को संसद में लोकसभा का 5 दिवसीय विशेष सत्र शुरु हुआ. संसद की कार्यवाही का पुरानी संसद में सोमवार को आखिरी दिन था. अब 19 सितम्बर मंगलवार को संसद की कार्यवाही नए संसद भवन में होगी. पुराने संसद भवन में पीएम मोदी ने 50 मिनट का आखिरी भाषण दिया. अपने 50 मिनिट के आखिरी भाषण में पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया. पीएम मोदी ने पंड़ित नेहरु को याद करते हुए कहा- ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है. इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था. मोदी ने कहा कि, ‘सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है. वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन की देन है.
स्पेशल सत्र में होगी 5 बैठक
केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र के दौरान पांच बैठकों का आयोजन होगा. स्पेशल सत्र के दौरान चार बिल पेश किए जाएंगे. सत्र में केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने 9 मुद्दों की सूची तैयार की है. इस सत्र में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से 24 दल भाग लेंगे
पीएम मोदी ने ताजा की अपनी यादें
5 दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने पुरानी यादों का ताजा करते कहा- पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया. इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करने के बाद मैंने अंदर पैर रखा. मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंचता है. मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा।’
परिवार पुराना घर छोड़कर जाता है, तो कई यादें ले जाता है
पीएम ने कहा- इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती हैं. हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है. पंडित नेहरू, शास्त्री से लेकर अटल, मनमोहन सिंह तक कई नाम हैं जिन्होंने इस सदन का नेतृत्व किया। सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है। देश को नए रंग रूप में ढालने के लिए उन्होंने परिश्रम किया है, पुरुषार्थ किया है। आज उन सबका गौरवगान करने का अवसर है। सरदार वल्लभ भाई पटेल, लोहिया, चंद्रशेखर, आडवाणी न जाने अनगिनत नाम जिन्होंने हमारे इस सदन को समृद्ध करने में, चर्चाओं को समृद्ध करने का काम किया है
नेहरू जी के बहाने विपक्ष पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा- बहुत सी बातें ऐसी थी जो सदन में हर किसी की तालियों की हकदार थी. लेकिन शायद उसमें भी राजनीति आगे आ गई. नेहरू जी का गुणगान अगर इस सदन में होगा, तो कौन सदस्य होगा जो उस पर ताली नहीं बजाएगा।. शास्त्री जी ने 65 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौसला इसी सदन से बढ़ाया था. वहीं इंदिरा गांधी ने इसी सदन से बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन का नेतृत्व किया.
3 सांसदो का किया जिक्र
शुरुआत में महिला सदस्यों की संख्या कम थी, धीरे धीरे उनकी संख्या बढ़ी. प्रारंभ से अब तक 7500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में आ चुके हैं. इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसद आईं. इंद्रजीत गुप्ता जी 43 साल तक इस सदन के साक्षी रहे. शफीकुर्रहमान 93 साल की उम्र में सदन आ रहे हैं. हमारे यहां संसद भवन के गेट पर लिखा है, जनता के लिए दरवाजे खोलिए और देखिए कि कैसे वो अपने अधिकारों को प्राप्त करते हैं. वक्त के साथ संसद की संरचना भी बदलती गई. समाज के सभी तबके के लोगों का यहां योगदान रहा है.
2001 में संसद पर हुए हमले को किया याद
पीएम मोदी ने 2001 में संसद में हुए हमले को याद करते हुए कहा कि- यह हमला इमारत पर नहीं बल्कि हमारी जीवात्मा पर हमला हुआ था. ये देश उस घटना को कभी नहीं भूल सकता. आतंकियों से लड़ते हुए जिन सुरक्षाकर्मियों ने हमारी रक्षा की, उन्हें कभी नहीं भूला जा सकता. आतंकियों से लड़ते- लड़ते, सदस्यों को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां झेलीं आज मैं उनको भी नमन करता हूं.