नयी दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन सहित दुनिया के तमाम नेताओं ने मंगलवार को पीएम मोदी को भारत के स्वतंत्रता के 77 साल पूरे होने पर बधाई दी. साथ ही अपनी विशेष व रणनीतिक साझेदारी को भी सामने रखा.
इसके बाद पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय शेरिंग सहित नेताओं को उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया.
रुस के राष्ट्रपति पुतिन ने बधाई संदेश देते हुए कहा कि वह आश्वस्त हैं कि दोनों राष्ट्र संयुक्त कोशिशों के जरिये सभी क्षेत्रों में सार्थक द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाना जारी रखेंगे. रूसी राष्ट्रपति ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक महत्व के ज्वलंत मुद्दों का हल करने में रचनात्मक साझेदारी जारी रखने की भी बात कही. उन्होंने कहा, ‘‘हम नयी दिल्ली के साथ विशेष व रणनीतिक साझेदारी को काफी महत्व देते हैं।’’ आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और सामाजिक क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों को सार्वभौम मान्यता मिली हैं. पुतिन ने भारत की तीफ करते हुए कहा कि ‘‘भारत अंतरराष्ट्रीय मामलों में एक अहम और रचनात्मक भूमिका निभा रहा है।’’
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) करते हुए कहा कि ‘‘भारतीय लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई. एक महीने पहले पेरिस में, मेरे मित्र नरेन्द्र मोदी और मैंने 2047 में भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक भारत-फ्रांसीसी महत्वाकांक्षाएं निर्धारित की थीं. भारत हमेशा एक भरोसेमंद दोस्त और साझेदार के रूप में फ्रांस पर भरोसा कर सकता है।’’ उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में यह पोस्ट किया और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पिछले महीने की गई फ्रांस यात्रा का एक वीडियो साझा किया, जिसमें दोनों नेता एक दूसरे से मिलते नजर आ रहे हैं.
मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ‘‘आपकी शुभकामनाओं के लिए आभारी हूं, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों। मैं पेरिस की अपनी यात्रा को उत्साह से याद करता हूं और भारत-फ्रांस संबंधों को बढ़ावा देने के प्रति आपके जोश की सराहना करता हूं।’’यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ जीवंत लोकतंत्र हैं.