Vladimir Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि भारत और रूस का सहयोग किसी भी देश के खिलाफ नहीं है और इसका उद्देश्य सिर्फ दोनों देशों द्वारा अपने-अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है. पुतिन ने यह टिप्पणी भारत और रूस के प्रति अमेरिका के आक्रामक रुख की पृष्ठभूमि में की है.

रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों के संदर्भ में पुतिन ने कहा कि कुछ तत्व रूस के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की बढ़ती भूमिका को नापसंद करते हैं और ये तत्व राजनीतिक कारणों से भारत के प्रभाव को सीमित करने के लिए कृत्रिम बाधाएं खड़ी करने का प्रयास कर रहे हैं.
‘हमारा लक्ष्य भारत-रूस के हितों की रक्षा करना’
रूसी राष्ट्रपति ने गुरुवार शाम को एक निजी समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके देश का भारत के साथ ऊर्जा सहयोग काफी हद तक अप्रभावित है. रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका के आक्रामक रुख पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘कुछ बाहरी दबावों के बावजूद, न तो मैंने और न ही प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी, किसी के खिलाफ काम करने के लिए हमारी साझेदारी का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अपना एजेंडा है, अपने लक्ष्य हैं, जबकि हमारा ध्यान अपने ऊपर है-किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि हमारा लक्ष्य अपने-अपने हितों, भारत और रूस के हितों की रक्षा करना है’

कच्चा तेल खरीद पर अमेरिकी की आपत्ति को किया खारिज
रूस से भारत द्वारा कच्चा तेल खरीदने पर अमेरिका की आपत्ति को खारिज करते हुए पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका को रूसी ईंधन खरीदने का अधिकार है, तो भारत को भी यह विशेषाधिकार क्यों नहीं मिलना चाहिए. पुतिन ने कहा, ‘जहां तक भारत द्वारा रूस से ऊर्जा संसाधनों की खरीद का सवाल है, मैं यह बताना चाहूंगा और एक बार पहले भी इसका उल्लेख कर चुका हूं कि अमेरिका स्वयं भी अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए हमसे परमाणु ईंधन खरीदता है.’
‘प्रतिबंधों को रूस भारत व्यापार पर असर नहीं’
रूसी राष्ट्रपति ने रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद कम करने के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा, ‘इस वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान कुल व्यापार कारोबार में कुछ गिरावट आई है. यह बस एक मामूली समायोजन है. कुल मिलाकर, हमारा व्यापार कारोबार लगभग पहले के स्तर पर ही बना हुआ है. पुतिन ने यह भी कहा कि भारत के साथ अब वैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता, जैसा कई दशक पहले किया जाता था.

‘प्रधानमंत्री मोदी आसानी से दबाव में आने वाले व्यक्ति नहीं’
पुतिन ने कहा-‘ प्रधानमंत्री मोदी आसानी से दबाव में आने वाले व्यक्ति नहीं हैं. भारतीय लोग निश्चित रूप से अपने नेता पर गर्व कर सकते हैं. यह बिल्कुल स्पष्ट है.उन्होंने कहा, ‘बिना किसी टकरावपूर्ण स्थिति के उनका रुख दृढ़ और स्पष्ट है. हमारा लक्ष्य संघर्ष भड़काना नहीं है; बल्कि, हमारा लक्ष्य अपने कानूनी अधिकारों की रक्षा करना है. भारत भी यही चाहता है.’
ट्रंप की रूस-यूक्रेन संघर्ष विराम की कोशिशों की तारीफ की
यूक्रेन संघर्ष पर पुतिन ने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिका इस समस्या का सक्रिय रूप से समाधान ढूंढ रहा है. उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा यकीन है और इसमें कोई संदेह नहीं कि वह (ट्रंप) पूरी ईमानदारी से शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं. पुतिन ने कहा कि ट्रंप वास्तव में शत्रुता को समाप्त कराना चाहते हैं और जान-माल की और हानि को रोकना चाहते हैं. लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच टकराव को समाप्त करने के पीछे राजनीतिक हित या आर्थिक उद्देश्य भी हो सकते हैं.’
द्विपक्षीय व्यापार पर पुतिन ने कहा कि ‘हमारे 90 प्रतिशत से अधिक लेन-देन पहले से ही राष्ट्रीय मुद्राओं में होते हैं. उन्होंने कहा, ‘हालांकि कई बिचौलियों की मौजूदगी के कारण कुछ जटिलताएं पैदा होती हैं, लेकिन उनके समाधान भी हैं.
पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की
रूसी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना भी की. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारे सहयोगात्मक प्रयास महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे हमारे आपसी संबंधों से भी आगे हैं. उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के लिए इसकी प्रत्यक्ष प्रासंगिकता को देखते हुए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थिरता सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमारे उद्देश्यों की पूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलती है. प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य निर्धारित किए हैं – सबसे पहले अपने लिए, फिर प्रशासन के लिए और अंत में राष्ट्र के लिए.’





