Independence Day 2025 : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से 103 मिनट लंबा भाषण दिया, जो भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिया गया सबसे लंबा संबोधन है। मोदी ने पिछले साल 78वें स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए अपने 98 मिनट के भाषण के रिकॉर्ड को इस वर्ष तोड़ दिया। साल 2024 से पहले उनका सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण 2016 में 96 मिनट का था, जबकि उनका सबसे छोटा भाषण 2017 में था जब उन्होंने 56 मिनट का भाषण दिया था।
भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, मोदी ने लाल किले से लगातार 12वां भाषण देकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया और जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे स्थान पर हैं। नेहरू ने लगातार 17 स्वतंत्रता दिवस भाषण दिए थे। मोदी ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस भाषण 2014 में दिया था, जो 65 मिनट तक चला था। 2015 में लाल किले से उनका उद्बोधन 88 मिनट तक चला था। साल 2018 में, लाल किले की प्राचीर से मोदी ने 83 मिनट की अवधि का संबोधन दिया था। इसके बाद, 2019 में, उन्होंने लगभग 92 मिनट तक भाषण दिया।
स्वतंत्रता दिवस पर, लाल क़िले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री @narendramodi का संबोधन https://t.co/TcItn1P5oa
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 15, 2025
2020 में मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन 90 मिनट का था। 2021 में उनका स्वतंत्रता दिवस भाषण 88 मिनट का और 2022 में 74 मिनट का था। प्रधानमंत्री मोदी ने 2023 में 90 मिनट तक देश को लाल किले की प्राचीर से संबोधित किया। वर्ष 2017 में लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन 56 मिनट का, 2016 में 96 मिनट का और 2015 में 88 मिनट का था। प्रधानमंत्री मोदी का सबसे छोटा भाषण 65 मिनट का है, जो उन्होंने 2014 में दिया था। मोदी से पहले, 1947 में जवाहरलाल नेहरू और 1997 में इंद्र कुमार गुजराल ने क्रमशः 72 और 71 मिनट के सबसे लंबे भाषण दिए थे।
नेहरू और इंदिरा गांधी ने क्रमशः 1954 और 1966 में 14 मिनट के सबसे छोटे भाषण भी दिए थे। पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी ने भी लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर कुछ सबसे छोटे भाषण दिए थे। साल 2012 और 2013 में सिंह के भाषण क्रमशः केवल 32 और 35 मिनट तक चले थे। 2002 और 2003 में वाजपेयी के भाषण और भी छोटे थे जो 25 और 30 मिनट के थे।