भीलवाड़ा। सोमवार को गुर्जर समुदाय के आराध्य श्री देवनारायण मंदिर की दानपेटी खोली गई. दान पात्र के अंदर से पीएम मोदी द्वारा डाला गया लिफाफा भी बाहर निकाला गया. यह लिफाफा पीएम मोदी द्वारा तब डाला था जब प्रधानमंत्री मोदी गुर्जर समाज के आराध्य देव श्री देवनारायण महाराज के 1111 वें अवतरण दिवस पर दर्शन करने आए थे. पिछले 8 महीनों से पीएम मोदी के इस लिफाफे को लेकर गुर्जर समुदाय में व्याकुलता बनी हुई . आम जन द्वारा यह कयास लगाए जा रहे थे कि जिस तरह से पीएम मोदी ने अपने भाषण में भगवान देवनारायण के प्रति अपनी भक्ति प्रकट की. उसके हिसाब से दान पत्र में पीएम मोदी द्वारा डाले गए लिफाफे में कोई बड़ी राशि या मंदिर के विकास को लेकर कोई बड़े सहयोग का प्लान हो सकता था.
इस उम्मीद के साथ गुर्जर समुदाय इस दान पात्र को खोलने की तिथि का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था. सोमवार 25 सितंबर को मंदिर ट्रस्ट से जुड़े हुए ट्रस्टियों ने बड़े उत्साह से इस लिफाफे को सार्वजनिक रूप से खोला गया. लेकिन इस लिफाफे में मात्र 21/-रुपए निकले. लिफाफा के भीतर से जब 20/-रुपए का एक नोट और एक रुपए का एक सिक्का निकला तो वो कहावत याद आ गई जिसमें कहा गया था कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया. राजनीतिक गलियारों में पीएम मोदी के लिफाफे से निकले 21 रुपयों की रहस्य को समझने की कोशिश की जा रही हैं. वहीं पीएम मोदी पर विपक्षी दलों ने निशाना साधते हुए कहा कि इतने बड़े शक्तिशाली राजनेता और भारत के पीएम मोदी की इस यात्रा को लेकर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए गए थे. लेकिन इसके बावजूद भी पीएम मोदी देव डूंगरी कॉरिडोर की घोषणा क्यों नहीं की थी. पीएम मोदी लिफाफे में मात्र 21/-रु. रखकर क्या संदेश देना चाह रहे हैं.