Monday, December 23, 2024
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PM मोदी ने किया ‘यशोभूमि’ को राष्ट्र के लिए समर्पित

नई दिल्ली। रविवार को पीएम मोदी ने यशोभूमि को राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया. पीएम मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर देते हुए इस सम्मेलन में पर्यटन (कांफ्रेंस टूरिज्म) के महत्व को रेखांकित किया. पीएम मोदी ने कहा कि ‘भारत मंडपम’ और ‘यशोभूमि’ भारत के आतिथ्य, श्रेष्ठता और उसकी भव्यता के प्रतीक बनेंगे, क्योंकि दोनों में ही भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम है. पीएम मोदी ने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित करने और ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करने के बाद यह बात कही. एक्सपो केंद्र का नाम ‘यशोभूमि’ रखा गया है. बता दें कि ‘भारत मंडपम’ में हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था.

दुनिया में भारत के लिए असीम संभावनाए

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘बदलते हुए समय के साथ विकास और रोजगार के नये-नये क्षेत्र भी बनते हैं. आज से 50-60 साल पहले इतनी बड़ी प्रौद्योगिकी उद्योग के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था. आज से 30-35 साल पहले सोशल मीडिया भी कल्पना मात्र ही था. आज दुनिया में एक और बड़ा क्षेत्र विकसित हो रहा है, जिसमें भारत के लिए असीम संभावनाएं हैं। यह सेक्टर है कांफ्रेंस टूरिज्म का।’’ आज का नया भारत खुद को ‘कांफ्रेंस टूरिज्म’ के लिए भी तैयार कर रहा है. ‘‘भारत मंडपम हो या यशोभूमि… ये भारत के आतिथ्य, भारत की श्रेष्ठता और भारत की भव्यता के प्रतीक बनेंगे. भारत मंडपम और यशोभूमि दोनों में ही भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम है।’’

कांफ्रेस टूरिज्म का पूरी दुनिया में 25 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा उद्योग

पीएम मोदी ने कहा कि ‘कांफ्रेंस टूरिज्म’ पूरी दुनिया में 25 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का उद्योग है और हर साल दुनिया में हजारों की संख्या में प्रदर्शनियां लगती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘बहुत बड़ा बाजार है कांफ्रेंस टूरिज्म. इसके लिए आने वाले लोग एक सामान्य पर्यटक की अपेक्षा कई गुना ज्यादा पैसा खर्च करते हैं. इतनी बड़ी इंडस्ट्री में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ एक प्रतिशत है. भारत की अन्य बड़ी कंपनियां हर साल अपने बड़े कार्यक्रम करने के लिए विदेश जाने के लिए मजबूर हो जाती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश और दुनिया का इतना बड़ा बाजार हमारे सामने है. अब आज का नया भारत खुद को कांफ्रेंस टूरिज्म के लिए भी तैयार कर रहा है।’’ पीएम ने देश को 2047 में दुनिया के सामने विकसित भारत के रूप में खड़ा करने का अपना संकल्प दोहराया.

पीएम ने की ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत

पीएम मोदी ने इस अवसर पर ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत करते हुए कारीगरों और शिल्पकारों को ‘मेक इन इंडिया’ की शान बताया. उन्होंने कहा कि अब देश को ‘लोकल के लिए वोकल’ होने के प्रण फिर दोहराना है. उन्होंने कहा, ‘‘अब गणेश चतुर्थी, धनतेरस, दीपावली सहित अनेक त्योहार आने वाले हैं. मैं सभी देशवासियों से ‘लोकल’ (स्वदेशी) उत्पाद खरीदने का आग्रह करूंगा।’’ ‘यशोभूमि’ पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने इस केंद्र का मुआयना भी किया. इसे लगभग 5,400 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है. ‘यशोभूमि’ में विश्‍व-स्‍तरीय बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनियों की मेजबानी की जा सकेगी. यह दुनिया के सबसे बड़े सम्‍मेलन और प्रदर्शनी सुविधा स्‍थलों में से एक है. करीब 73,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में 15 कन्वेंशन रूम हैं. इनमें मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 11,000 प्रतिनिधियों के बैठने की कुल क्षमता वाले 13 बैठक कक्ष शामिल हैं. कन्वेंशन सेंटर में देश का सबसे बड़ा एलईडी मीडिया स्‍क्रीन है. इसके मुख्‍य सभागार में करीब छह हजार लोगों के बैठने की क्षमता है.

एक साथ बैठ सकते है 6000 लोग

कन्वेंशन सेंटर का पूर्ण हॉल लगभग 6,000 मेहमानों की बैठने की क्षमता से सुसज्जित है, जिसमें सर्वाधिक नई स्वचालित प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया है. सभागार में उपयोग किए गए लकड़ी के फर्श और ध्वनिक दीवार (एकुस्टिक वॉल) पैनल आगंतुक को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करेंगे. अद्वितीय पंखुड़ी की छत वाला ग्रैंड बॉलरूम लगभग 2,500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है. इसमें एक विस्तारित खुला क्षेत्र भी है, जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं। आठ मंजिलों में फैले 13 बैठक कक्षों में विभिन्न स्तरों की विभिन्न बैठकें आयोजित करने की परिकल्पना की गई है.

दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी स्थलों में से एक

‘यशोभूमि’ दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी सभागारों में से एक है. एक लाख सात हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने इन प्रदर्शनी सभागारों का उपयोग प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और व्यावसायिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा, और ये एक भव्य अग्रदीर्घा (फ़ोयर) स्थान से जुड़े हुए हैं, जिसे तांबे की छत के साथ विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किया गया है, जो विभिन्न स्काईलाइट के माध्यम से अंतरिक्ष में प्रकाश को फ़िल्टर करता है. फ़ोयर में मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज, क्लॉक सुविधाएं, आगंतुक सूचना केंद्र, टिकटिंग जैसे विभिन्न सहायता क्षेत्र होंगे.

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