प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अबू धाबी में बने पहले हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करेंगे। बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) सोसायटी इस विशाल हिंदू मंदिर का निर्माण कराया है। अबू धाबी में 27 एकड़ भूमि पर बने इस मंदिर में भारतीय संस्कृति और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की पहचान का अनूठा मिश्रण है।
BAPS हिन्दू मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान शुरू
UAE के अबू धाबी में नवनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। पीएम मोदी आज दोपहर बाद इस विशाल हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करेंगे।
क्यों खास है यह मंदिर ?
अबू धाबी के हिंदू मंदिर के अग्रभाग पर बलुआ पत्थर पर बेहतरीन नक्काशी है। इसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों ने मिलकर 25,000 से अधिक पत्थर के टुकड़ों से तैयार किया है। मंदिर के लिए उत्तरी राजस्थान से अच्छी-खासी संख्या में गुलाबी बलुआ पत्थर अबू धाबी लाया गया है। इस भव्य मंदिर को बनाने के लिए यूएई के प्रिंस ने जमीन दान की थी और यह मंदिर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तुलना में बहुत बड़ा है. मंदिर में पत्थरों पर बहुत ही अद्भुत नक्काशी की गई है. अबू धाबी के इस पहले हिंदू मंदिर में 7 शिखर बनाए गए हैं जो कि अलग-अलग देवी-देवताओं कहानियां दर्शाते हैं. मंदिर के प्रत्येक स्तंभ पर भगवाना राम, माता सीता, भगवान गणेश और हनुमान जी की प्रतिमा बनाई गई है,BAPS मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है। इस जल को बड़े-बड़े कंटेनर में भारत से लाया गया है। मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, जिस ओर गंगा का जल बहता है, वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है।
यूएई में कहां बनाया गया है हिंदू मंदिर?
मंदिर यूएई की राजधानी अबू धाबी में ‘अल वाकबा’ नाम की जगह पर बनाया गया है। यह धर्म स्थल 20,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। हाइवे से सटी अल वाकबा नामक जगह अबू धाबी से तकरीबन 30 मिनट की दूरी पर है। यूएई का पहला हिंदू मंदिर भले ही 2023 में बनकर तैयार हुआ, लेकिन इसकी कल्पना करीब ढाई दशक पहले 1997 में बीएपीएस संस्था के तत्कालीन प्रमुख स्वामी महाराज ने की थी।