जयपुर। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को कहा कि कानून व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों से त्रस्त राजस्थान की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में निर्णायक जनादेश देने का मन बना रही है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के मिशन-2030 पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण धुंधला है। त्रिवेदी पार्टी की प्रदेश मीडिया विभाग एवं सोशल मीडिया की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जिस विजन की बात कर रहे हैं वह पूरे तरीके से बलर्ड है। कानून व्यवस्था को लेकर राजस्थान की छवि कभी ऐसी नहीं थी जैसी आज हो गयी है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2030 तक राजस्थान को सभी क्षेत्रों में देश के अग्रणी राज्यों में से एक बनाने के लिए बार-बार विजन-2030 की बात कर रहे हैं। राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों के भागीदारों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। इसको लेकर मंगलवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में एक संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया किया गया जिसमें गहलोत मौजूद थे। त्रिवेदी ने कानून-व्यवस्था को लेकर भी कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा यह वो सरकार है जिसने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई जो कि अब प्रतिबंधित संगठन है, उसे प्रतिबंध लगने से एक हफ्ता पहले रैली निकालने की अनुमति दी, पूरे देश में नारे लगाए गए और उदयपुर में दुखद घटना हुई।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने पिछले साल फरवरी में हिजाब विवाद को लेकर कोटा में रैली निकाली थी, जबकि पिछले साल जून में उदयपुर में एक दर्जी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि जनता त्रस्त है और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को जनादेश देगी। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा जनता त्रस्त है और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को जनादेश देगी। कांग्रेस के शासन में पस्त कानून व्यवस्था, अपराधियों के बढ़ते हौसले, भ्रस्टाचार, लीक होते पेपर। इन सारी त्रासदियों से त्रस्त राजस्थान की जनता अब निर्णायक रूप से भाजपा के पक्ष में जनादेश देने का मन बना रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में कांग्रेस की कोई रणनीति नहीं है और कांग्रेस नेता अपने ही आरोप-प्रत्यारोप से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसने राजस्थान में अजीब उदाहरण पेश किए हैं जो किसी अन्य राज्य में नहीं देखे गए। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में देशद्रोह कानून को खत्म करने का वादा किया था, लेकिन राजस्थान में सरकार ने अपने ही विधायकों के खिलाफ देशद्रोह कानून का इस्तेमाल किया।